Agra Crime News: उत्तर प्रदेश के आगरा से बेहद ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जहां, आगरा में ट्रांस यमुना थाने से चोरी का एक चौंकाने वाली घटना ने हर किसी को हैरान कर दिया. चोर और कोई नहीं हरियाणा पुलिस का बर्खास्त सिपाही निकला. पूरा मामला जानने के लिए पूरी खबर पढ़िए.
क्या है चोरी का अनोखा मामला?
दरअसल, यह चोरी का अनोखा मामला उत्तर प्रदेश के आगरा का है. जहां, हरियाणा पुलिस का एक बर्खास्त सिपाही, खाकी पैंट और काले जूते पहनकर थानों में खुद को सिपाही बताया करता था, वह थानों की बैरक में रुककर पुलिसकर्मियों के सामान के साथ-साथ नकदी चुराकर मौके से फरार हो जाता था. फिलहाल, पुलिस ने सीसीटीवी से आरोपी की पहचान कर ली है.
पुलिस ने आरोपी को कैसे किया गिरफ्तार?
जानकारी के मुताबिक, हरियाणा पुलिस के एक बर्खास्त सिपाही ने मुंशी का पर्स चोरी कर डेबिट कार्ड से 45 हजार रुपये निकाल लिए. आरोपी की पहचान सीसीटीवी कैमरे में पूरी तरह से कैद हो गई और पुलिस ने आरोपी को हरियाणा के रेवाड़ी से गिरफ्तार करने में आखिरकार बड़ी सफलता हासिल कर ली है.
शख़्स को कैसे पता चली चोरी की वारदात?
जानकारी के मुताबिक, ट्रांस यमुना थाना परिसर में बने सरकारी आवास से आरोपी ने चोरी की वारदात को अंजाम दिया था. मुंशी आरक्षी कुशलपाल चौधरी सात सितंबर की सुबह रातो अपनी ड्यूटी पूरी करके आराम करने गए थे. लेकिन जैसे ही वो दोपहर में अपनी नींद पूरी करके उठे उनकी वर्दी की जेब में रखा पर्स और पांच हजार रुपये गायब मिला. इतना ही नहीं, पर्स में डेबिट कार्ड के साथ-साथ एक पर्ची पर लिखा हुआ पिन भी था. जिससे आरोपी ने पलक-झपकते ही 45 हजार रुपये निकाल लिए और वारदात को अंजाम देने के बाद पर्स को झरना नाले के पास फेंक दिया.
सीसीटीवी फुटेज से कैसे हुई आरोपी की पहचान?
आरोपी की पहचान सीसीटीवी फुटेज के जरिए ही हो सकी. वजीर सिंह निवासी बम्बोलिया, थाना सालवास जिला रेवाड़ी हरियाणा के रूप में आरोपी की पहचान हो सकी है. इस पूरे घटमाक्रम पर ACP छत्ता शेषमणि उपाध्याय ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस की टीम ने शनिवार रात रेवाड़ी के कोसली क्षेत्र में दबिश देकर उसे गिरफ्तार करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है.
पूछताछ में आरोपी ने किया चौंकाने वाला खुलासा?
पुलिस की सख्ती से पूछताछ करने के बाद आरोपी ने जानकारी देते हुए बताया कि वह साल 2001 में प्रादेशिक सेना में भर्ती हुआ था और फिर उसे साल 2006 में पद से हटा दिया गया था. फिर साल 2007 में हरियाणा पुलिस में सिपाही में भर्ती हुआ, लेकिन भर्ती घोटाले में शामिल होने की वजह से साल 2017 में उसे बर्खास्त कर दिया गया है और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई थी.
बर्खास्त होने के बाद क्यों देता था चोरी की वारदात को अंजाम?
बर्खास्त होने के बाद आरोपी हरियाणा पुलिस का आईकार्ड और वर्दी जैसे कपड़े पहनकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न थानों में पहले तो पहुंच जाता था और फिर खुद को सिपाही बताकर बैरक में रुककर पुलिसकर्मियों के पैसों के साथ-साथ सामानों को बड़े ही आसान तरीके से चुराने में सफल हो जाता था. फिलहाल, पुलिस ने आरोपी के कब्जे से तीन हजार रुपये की नकदी समेत मुंशी कुशलपाल का आईकार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद कर लिए हैं. आगे की कार्रवाई लगातार जारी है.

