डॉक्टर्स तैनात, हाईटेक डायलिसिस रूम तैयार… महाराज की हर सांस पर नजर रखे हैं ये 5 सेवक

Premanand Maharaj Five Pandav : प्रेमानंद महाराज की तबीयत खराब है और वे हफ्ते में 5 दिन डायलिसिस पर हैं. उनके पांच समर्पित शिष्य दिन-रात सेवा में लगे हैं और आश्रम की पूरी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. आइए जानते हैं वे कौन हैं-

Published by sanskritij jaipuria

Premanand Maharaj Five Pandav : प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य को लेकर उनके भक्तों में गहरी चिंता बनी हुई है. बताया जा रहा है कि अब उनकी हफ्ते में पांच दिन डायलिसिस की जा रही है. बीमारी की वजह से वे पिछले कई दिनों से सार्वजनिक रूप से दर्शन भी नहीं दे पा रहे हैं. 2 अक्टूबर से उनकी प्रसिद्ध पदयात्रा भी बंद है.

स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्रेमानंद महाराज ने अपने निवास पर ही एक हाई-टेक डायलिसिस कक्ष तैयार करवाया है. इस कमरे में डॉक्टर और तकनीशियन हर समय तैनात रहते हैं ताकि किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में तुरंत इलाज हो सके.

‘पांच पांडव’ हमेशा सेवा में तैनात

महाराज की सेवा में हमेशा लगे रहने वाले पांच प्रमुख शिष्य, जिन्हें लोग ‘पांच पांडव’ कहकर पुकारते हैं, उनकी देखभाल में दिन-रात लगे हुए हैं. इन शिष्यों ने कभी सेना, शिक्षा, व्यापार और वित्त जैसे क्षेत्रों में काम किया, लेकिन अब वे पूरी तरह से महाराज की सेवा में समर्पित हैं.

बाबा नवल नगरी: एक पूर्व सैन्य अधिकारी

बाबा नवल नगरी पहले भारतीय सेना में अधिकारी रह चुके हैं. वे पंजाब के पठानकोट से ताल्लुक रखते हैं और 2008 से 2017 तक सेना में सेवा दे चुके हैं. सेना में रहते हुए ही उन्होंने वृंदावन आकर प्रेमानंद महाराज के सत्संग में भाग लिया और उनके विचारों से प्रभावित होकर 2017 में नौकरी छोड़ दी. आज वे महाराज के सबसे करीबी शिष्यों में गिने जाते हैं.

महामधुरी बाबा: शिक्षा से सेवा तक

दूसरे प्रमुख शिष्य महामधुरी बाबा पहले एक डिग्री कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थे. वे उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले से हैं. एक बार अपने भाई के साथ महाराज के दर्शन करने आए और उनके विचारों से इतने प्रभावित हुए कि अपनी नौकरी छोड़ दी और श्रीहित राधा केलि कुंज आश्रम में सेवा स्वीकार कर ली.

श्यामा शरण बाबा: परिवार से मिली प्रेरणा

श्यामा शरण बाबा प्रेमानंद महाराज के भतीजे हैं और कानपुर के अखरी गांव से हैं, जो महाराज का पैतृक गांव भी है. बचपन से महाराज की कहानियां सुनते हुए बड़े हुए श्यामा शरण बाबा ने युवावस्था में ही दीक्षा लेकर सेवा का व्रत ले लिया. आज वे हर पल महाराज के साथ रहते हैं.

Related Post

आनंद प्रसाद बाबा: व्यापारी से सेवक तक

आनंद प्रसाद बाबा पहले फुटवियर का कारोबार करते थे. सांसारिक जीवन से ऊबकर उन्होंने प्रेमानंद महाराज की शरण ली और तब से आश्रम की पूरी व्यवस्थाओं की देखरेख का कार्य संभाल लिया है.

अलबेलिशरण बाबा: सीए से बने साधक

पांचवें शिष्य अलबेलिशरण बाबा, जो पहले एक चार्टर्ड अकाउंटेंट थे, अब पूरी तरह से आध्यात्मिक जीवन जी रहे हैं. उन्होंने भी महाराज के विचारों से प्रभावित होकर अपने सफल करियर को त्याग दिया और आश्रम में सेवा को ही जीवन का उद्देश्य बना लिया.

आश्रम की जिम्मेदारी इन पांचों पर

श्रीहित राधा केलि कुंज आश्रम की पूरी जिम्मेदारी इन्हीं पांच शिष्यों के कंधों पर है. चाहे सत्संग हो, परिक्रमा या आश्रम का प्रबंधन, ये सभी कार्य यही पांचों ‘पांडव’ मिलकर संभालते हैं. महाराज से मिलने आए भक्तों का स्वागत करना, उनका मार्गदर्शन करना और उनके सवालों को महाराज तक पहुंचाना भी इन्हीं का कार्य है.

प्रेमानंद महाराज की बीमारी ने उनके अनुयायियों को चिंतित जरूर किया है, लेकिन उनके समर्पित शिष्य हर क्षण उनकी सेवा में लगे हुए हैं. सभी की यही प्रार्थना है कि महाराज जल्द स्वस्थ होकर फिर से भक्तों के बीच सशरीर उपस्थित हों.

sanskritij jaipuria

Recent Posts

Video: पाकिस्तान की संसद में घुसा गधा, हर तरफ मच गया हड़कंप; वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया में मचाई सनसनी

Pakistan donkey viral video: सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी संसद का एक वीडियो वायरल हो रहा…

December 6, 2025

The Girlfriend Movie OTT Release: कॉलेज लाइफ शुरू करने से पहले ज़रूर देखें ये फ़िल्म! वरना कर सकते हैं बहुत बड़ी गलती

कॉलेज लाइफ में कदम रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक ज़रूरी फ़िल्म ‘The Girlfriend’. प्यार,…

December 5, 2025

भगवान का पैसा खाकर मोटे हो रहे थे बैंक? सुप्रीम कोर्ट ने मारा करारा तमाचा! जानिए क्या है पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि मंदिर का पैसा सिर्फ देवता का है. जिसके…

December 5, 2025

World Dirtiest Cities: तेल, धुआं और गंदगी…ये हैं दुनिया के 5 सबसे गंदे शहर! लिस्ट में टॉप पर है इस देश की राजधानी

World Pollution Ranking Cities: इन शहरों में प्रशासन की उदासीनता, औद्योगिक कचरे का गलत प्रबंधन…

December 5, 2025