आगरा, उत्तरप्रदेश से मयंक त्यागी की रिपोर्ट
Fake medicines: आगरा के फव्वारा क्षेत्र स्थित दवा मार्केट की दो दुकानों पर ड्रग विभाग और यूपी एसटीएफ के छापे के बाद नकली दवाओं का जो जखीरा बरामद हुआ है, उसके बारे में भी चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। ये नक्कल अपने नकली प्रोडक्ट देश के दूसरे राज्यों और पड़ोसी देशों तक तो भेजते ही थे, आगरा शहर में भी इनकी सप्लाई थी। आगरा में नकली दवाएं सबसे ज्यादा वे मेडिकल स्टोर लेते थे, जो निजी अस्पतालों अथवा नर्सिंग होम के अंदर संचालित हैं।
नकली दवा कारोबारियों की मेडिकल स्टोर्स के साथ सेटिंग
दवा बाजार के जानकारों से मिल रही खबरों के अनुसार नकली दवा के कारोबारियों ने आगरा शहर के अंदर नर्सिंग होम के अंदर चल रहे मेडिकल स्टोर्स पर अपनी सेटिंग कर रखी थी। नर्सिंग होम स्थित मेडिकल स्टोर्स से सीधे इन नकली दवा कारोबारियों के पास आर्डर पहुंचते थे और इनके द्वारा सीधे ही वहां सप्लाई दी जाती थी। इसकी भनक उन डॊक्टरों को भी नहीं थी जिनके नर्सिंग होम के मेडिकल स्टोर्स पर नकली दवाओं की सप्लाई हो रही थी। इन मेडिकल स्टोर्स को आधी कीमत में दवाएं मिल जाती थीं।
दुकानों पर नकली दवाओं की सप्लाई
चूंकि नकली दवाओं पर कंपनी का ब्रांड नेम और बैच नंबर प्रिंट होता था, इसलिए कोई डॊक्टर यह शक भी नहीं कर सकता था कि दवा नकली है। जानकारों की मानें तो आगरा जिले के अंदर नर्सिंग होम्स में 500 से ज्यादा मेडिकल स्टोर संचालित हैं। नर्सिंग होम्स के बाहर आसपास की दुकानों पर नकली दवाओं की सप्लाई की जानकारियां सामने आई हैं।
Odisha flood: जाजपुर के पास कानी नदी का तटबंध टूटा, चार पंचायतें पानी में डूबीं
ड्रग विभाग और एसटीएफ जब इस मामले की जांच में गहराई तक जाएगा तो आगरा के उन मेडिकल स्टोर्स के नाम सामने आ सकते हैं, जो नकली दवाओं को बेच रहे थे।
ड्रग विभाग की टीम और एसटीएफ ने हेमा मेडिको के गोदामों से मिली दवाओं की सूची लगभग तैयार कर ली है। अब बंसल मेडिकल स्टोर के गोदामों की सर्च कर नकली दवाओं की सूची बनाने का काम शुरू हो चुका है।
कहां बन रहीं और कैसे आती थीं नकली दवाएं, पता लगाया जा रहा
जांच एजेंसियां अब इस बात की तहकीकात में जुटी हैं कि नकली दवाओं का असली ठिकाना कहां है। एजेंसियों का मकसद पहले उन लोगों तक पहुंचना है जिन्होंने दवाओं के लिए ऑर्डर दिया और फिर उनकी कड़ियों को जोड़ते हुए उन कंपनियों तक पहुंचना है जहां यह नकली माल तैयार होकर आगरा भेजा जाता है। जानकारी मिली है कि हेमा मेडिको के लिए खरीदी गई करीब दस लाख की दवाएं ट्रेन के जरिए आगरा कैंट पर उतारी गई थीं। लेकिन जांच अधिकारियों को शक है कि इस सप्लाई चेन में कोरियर और ट्रांसपोर्ट कंपनियों की भी भूमिका रही है। फिलहाल एजेंसियां हर पहलू की पड़ताल कर रही हैं।

