Azam Khan News: उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान लगभग 23 महीनों के बाद जेल से बाहर आते ही लगातार चर्चा में बने हुए हैं. इसी बीच आजम खान ने एक इंटरव्यू में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इतने सालों से मैं सीन से गायब रहा हूं. पहले बाहर रहने की जिंदगी चर्चा में रहती थी. अब कैद में रहने की जिंदगी चर्चा में थी, जिस दिन हम लोग चर्चा, पर्चा और खर्चा इन तीन चीजों से महरूम हो जाएंगे, हम कब्र में होंगे, बाहर नहीं होंगे.
आजम खान ने कहा कि अब वो जमाने नहीं रहे, जब गुलाम हिंदुस्तान में अंग्रेज बाइज्जत लोगों को बाइज्जत तरीके से जेलों में रखते थे. अब वह दौर है कि बाइज्जत को जितना बेइज्जत किया जा सकता हो, उतना बेइज्जत किया जाए तो शिकवा किसी से है ही नहीं. शिकवा तो बदलते हुए जमाने से हो सकता है. उन्होंने कहा- ‘दरअसल मेरा अल्लाह हमसे ये कहता है कि तुम्हें इस बात का हक है कि जिसने तुम्हारे साथ ज्यादती की है, तुम अपने साथ होने वाली ज्यादती का बदला लो. ये तुम्हें इजाजत है, लेकिन सबसे बेहतर बात यह है कि वह बदला तुम न लो. मुझ पर छोड़ दो और यह तुम जानते हो कि मुझसे बेहतर बदला तुम नहीं ले सकते हो. मैंने अपने अल्लाह पर छोड़ दिया है.’
जिन्होंने बुरा किया है उनका बुरा हिसाब होगा : आजम खान
सपा नेता ने कहा- ‘मालिक एक है. अगर आसमान पर मालिक दो होते तो न जाने कितनी बार आसमान से खून बरसा होता. मालिक एक है. हिसाब तो सबका होगा. जिन्होंने अच्छा किया है उनका अच्छा हिसाब होगा. जिन्होंने बुरा किया है उनका बुरा हिसाब होगा. जब से दुनिया बनी है उस दिन से लेकर जब आखिरी दिन होगा उस दिन तक होगा. हिसाब से तो बच ही नहीं सकता.’ रामपुर के पूर्व सांसद ने आगे कहा- ‘मैं तो बहुत छोटा आदमी है. रामपुर के एक मामूली सी गली में रहने वाला, जिसके घर में दो महीने तक ढाई-ढाई फीट पानी जमा रहता है, जिसके पास जनरेटर नहीं है. इतनी लंबी सियासत में एक आरामदेह घर नहीं बना सका.’
मेरे पूरे घर पर लगभग 350 मुकदमे: आजम खान
आजम खान ने अपने ऊपर हुए FIR को लेकर तंज करते हुए कहा- ‘मैं तो मुर्गी चोर हूं, बकरी चोर हूं, भैंस चोर हूं, फर्नीचर चोर हूं, किताब चोर हूं. धारा चोरी की नहीं है. क्योंकि चोरी की धाराएं होती तो तीन साल में मैं सारे मुकदमों से बरी हो गया होता. काट लेता सजा काट ही ली पांच साल. लेकिन, एक मुकदमे में 19 साल की सजा है. एक में सिर्फ और 114 में फैसला होना बाकी है और पूरे घर पर लगभग 350 मुकदमे हैं.’
‘जिंदा रहेंगे तो गाजी कहलाएंगे, मर जाएंगे तो शहीद’
उन्होंने कहा- ‘मेरी मरी हुई मां पर मुकदमे हैं. अब परेशान हूं कि उन्हें कब्र से कैसे निकाल कर लाऊं. उनकी गवाही कैसे होगी? मैं 125 करोड़ के हिंदुस्तान में इतना टारगेटेड हूं. यही मेरा मेडल है. यही मेरा मेडल है और यही सदियों मुझे याद रखाएगा.’ जेल का जिक्र करते हुए सपा नेता ने कहा- ‘वहां जिंदगी कहां थी. पहली बार पौने साल तीन साल जेल में रहने के बाद दो-तीन महीने बाहर रहे थे, फिर अंदर चले गए थे. तब कहा था कि जिंदा रहेंगे तो गाजी कहलाएंगे. मर जाएंगे तो शहीद कहलाएंगे. जनता की अदालत से तो इन चीजों का कोई मतलब है ही नहीं. जनता की अदालत में तो मैं हमेशा कामयाब रहा. अब बाकी अदालतों के लिए कोशिश कर रहा हूं.’

