भारत की संस्कृति में देवी काली की पूजा का विशेष महत्व है. देवी काली को शक्ति, साहस और निडरता की प्रतीक माना जाता है. शास्त्रों में कहा गया है कि काली माँ की पूजा डर दूर करने के, बुरी शक्तियो को खत्म करने और जीवन में सफलता पाने के लिए की जाती है. लेकिन क्या आपको ये पता है इसके साथ ही काली पूजा से जुड़े कुछ ऐसे टोटके और काला जादू जिसे हम ब्लैक मैजिक भी बोलते है उसकी कॉफी सारी कहानिंया है, जो लोगों को रोमांचित और कभी-कभी भयभीत कर देती हैं तो चलिए जानते है इसके पिछे का राज क्या है, आखिर क्यो लोग टोटके और काला जादू जैसे चीजों को इतना मानते है.
काली पूजा के टोटके और काला जादू : मान्यताएँ,
काली पूजा आमतौर पर अमावस्या की रात को की जाती है. यह वह समय माना जाता है जब ब्रह्मांडीय शक्तियाँ बेहद ज्यादा होती है और साधक की मनोकामना पूरी करने की क्षमता रखती हैं.
आखिर क्या हैं लोगों का मानना
अगर हम आम लोगों की बात करें तो उनका मनना है की, यदि अमावस्या की रात को सरसों के तेल का दीपक जलाकर माँ काली की पूजा की जाए, तो दुश्मन, बुरी शक्तियां घर से बाहर रहती है.
- साथ ही घर में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए लाल मिर्च जलाकर देवी काली के सामने चढ़ाने का टोटका किया जाता हैं.
- धन और समृद्धि पाने के लिए नींबू पर सिंदूर लगाकर मां के के चरणों में अर्पित करना शुभ माना जाता है.
- ये सभी बाते लोगों के मान्यताओं और अनुभवों पर आधारित हैं, जो पीढी-दर-पीढी आगे बढ़ती रही है.
आखिर क्यों करते है टोटके और काला जादू
ब्लैक मैजिक या काला जादू का नाम सुनते ही लोगो के मन मे डर बैठ जाता है. भारत में औक खासकर बंगाल और असम जैसे राज्यों में काली साधना और काले जादू से जुड़ी कई कहानियाँ सुनने को मिलती हैं. कहा जाता है कि तांत्रिक अमावस्या की रात को काली .साधना लोगों के हित में होती है, जैसे रोग दूर होना, भय दूर करना या जीवन में सफलता दिलाना. लेकिन इलके नकारात्मक प्रभाव भी है, जहाँ लोग एक तरफ सब सही करना चाहते हैं, वही दूसरी तरफ लोगों को नुकसान पहुचाने के लिए काला जादू करने की कोशिश करते हैं.
पुराने समय की बातें
लोगों का मानना ये है की काली साधना और टोटके सिर्फ डर या नकारात्मकता से जुड़े नहीं हैं. बल्कि तांत्रिक साधना एक प्रकार का मनोवैज्ञानिक और शक्ति से जुड़ना का उच्च शक्ति से जुड़ना. कई विद्वान मानते है कि काला जादू अक्सर अक्सर मानसिक प्रभाव और डर पर आधारित होता है. देखा जाए तो जाए तो नींबू, मिर्च, हल्दी जैसी वस्तुओं का प्रयोग ज्यादातर नजर या फिर नकारात्मकता दूर करने के लिए किया जाता था, क्योकी इनमें एंटी- बैक्टीरियल गुण पाए जाते है.
काली पूजा और आस्था का संतुलन
जहाँ एर ओर टोटके और काले जादू की कहानियाँ रहस्य से भरी लगती हैं, वहीं दूसरी ओर हमें यह भी समझना चाहिए कि देवी काली की शक्ति और न्याय की प्रतीक हैं. पूजा का उद्देश्य सिर्फ डराना या दूसरों को हानि पहुँचाना नहीं, बल्कि अपने अंदर भीतर शक्ति और साहस जगाना होना चाहिए

