artificial intelligence: जहां दुनिया भर में AI का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. दुनिया भर की सेनाएं अपने हथियारों और अभियानों को बेहतर बनाने के लिए AI का इस्तेमाल कर रही हैं. इसका ताज़ा उदाहरण जून में ईरान-इज़राइल युद्ध है. इज़राइल ने ईरान पर हमला करने के लिए AI-संचालित हथियारों का भी इस्तेमाल किया. हालांकि, चीन की चेतावनी एक बड़े खतरे की ओर इशारा करती है.
चीन ने चेतावनी दी है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आतंकवादियों को परमाणु मिसाइलों जैसे वैश्विक विनाश में सक्षम हथियार विकसित करने में सक्षम बना सकती है.
सोमवार को जारी एक नए AI सुरक्षा प्रशासन दस्तावेज़ में, साइबर सुरक्षा अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर AI पर नियंत्रण नहीं रखा गया, तो परमाणु, जैविक, रासायनिक और मिसाइल हथियारों से जुड़ी खतरनाक जानकारी नागरिकों और आतंकवादी संगठनों तक पहुंच सकती है.
मंडरा रहा है गंभीर खतरा
चीन के अनुसार, डर यह है कि AI की retrieval-augmented generation जो इंटरनेट और डेटाबेस से भारी मात्रा में जानकारी निकालती है और फिर प्रतिक्रियाएं उत्पन्न करती है, आसानी से किसी को भी हथियार निर्माण के सिद्धांत और डिज़ाइन तक पहुंच प्रदान कर सकती है.
चीन का कहना है कि अगर ऐसा हुआ, तो मौजूदा सुरक्षा प्रणालियां अप्रभावी हो जाएंगी, जिससे वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा हो जाएगा. यह दस्तावेज़ पिछले साल की वैश्विक एआई गवर्नेंस पहल का अद्यतन है, जिसे चीन की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा मानकीकरण तकनीकी समिति और राष्ट्रीय कंप्यूटर नेटवर्क आपातकालीन टीम द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया था.
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चीन पहले भी चेतावनियां जारी
2024 फ्रेमवर्क में, चीन ने एआई की दोहरे उपयोग वाली तकनीक को खतरनाक बताया था. यानी ऐसी तकनीक जिसका इस्तेमाल नियमित कार्यों और हथियारों, दोनों के लिए किया जा सकता है. नए संस्करण में तो और भी आगे बढ़कर सामूहिक विनाश के हथियारों का स्पष्ट उल्लेख किया गया है. सिर्फ़ हथियार ही नहीं, चीन ने रिपोर्ट में यह भी कहा है कि लोग एआई चैटबॉट के आदी हो सकते हैं, और इसका असर शिक्षा और नवाचार पर पड़ सकता है.

