Apple iPhone 17 Launch : आज देश भर में शानदार iPhone 17 की सीरीज लॉन्च होने वाली है, न जाने कितने लोग इस लॉन्च का बेसबरी से इंतजार कर रहे थे। आज दाम से लेकर हर एक चीज का खुलासा हो जाएगा। देश में अक्सर लोग फोन तो खरीद लेते हैं लेकिन लोगों को उसके पीछे के राज नहीं पता चलते। क्या आपने कभी सोचा है कि अक्सर स्मार्टफोन की कीमत 999 पर खत्म क्यों हो जाती है, ₹1000 या \$1000 जैसी राउंड रकम पर खत्म क्यों नहीं होती। ये कोई संयोग नहीं, बल्कि एक सोचा-समझा “चार्म प्राइसिंग” (Charm Pricing) प्लान है। रिसर्च बताता है कि जब कोई समान ₹999 में बेचा जाता है, तो खरीदने वाले इसे ₹1000 की तुलना में ₹900 के करीब महसूस करता है, भले ही ये केवल ₹1 का अंतर हो। लेकिन ये अंतर कस्टमर को ये सोचने पर मजबूर करता है कि वो एक बेहतर सौदा कर रहा है।
News18 की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे निर्धारण से कस्टमर की खर्च करने की ‘पीड़ा’ कम हो जाती है और वो बिना ज्यादा सोच-विचार के खरीदारी कर लेता है।
बिक्री में इजाफा करने का प्लान
इस तरह की कीमत प्लानिंग केवल Apple तक सीमित नहीं है; ये लगभग हर जगह पर इस्तेमाल होती है- सुपरमार्केट से लेकर ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म तक। परंतु स्मार्टफोन जैसे मास-मार्केट में इसका उपयोग बिक्री दर बढ़ाने के लिए ज्यादा होता है।
एक्सपर्ट मानते हैं कि ₹999 जैसा कस्टमर की सहनशीलता सीमा के भीतर रहता है, जिससे वो बिना ज्यादा विचार किए फोन खरीद लेता है.
Apple की चार्म प्राइसिंग
Apple ने पहली बार \$999 की कीमत का उपयोग 2017 में iPhone X मॉडल में किया था। ये कीमत प्रीमियम मूल्य की धारणा बनाए रखती है, लेकिन \$1000 से थोड़ा कम होने के कारण यह ज्यादा सही भी लगती है।
लक्जरी ब्रांड्स की अलग प्लानिंग
जहां Apple जैसी कंपनियां चार्म प्राइसिंग का इस्तेमाल करती हैं, वहीं कुछ लक्जरी ब्रांड इसे टालते हैं ताकि उनका समान स्पेशल और प्रीमियम बना रहे। ₹999 की जगह ₹1000 या ₹10,000 जैसी गोल कीमतें लक्जरी अपील को दर्शाती हैं।
iPhone 17 जैसी डिवाइसों की कीमत में “999” का अंत केवल एक संयोग नहीं, बल्कि मनोविज्ञान और मार्केटिंग स्ट्रैटेजी का गहरा मेल है। ये न केवल ग्राहक को बेहतर सौदा महसूस कराता है, बल्कि कंपनी को ज्यादा बिक्री करने में मदद भी करता है।

