Accenture ने अपनी वर्कफोर्स में बड़ा बदलाव शुरू कर दिया है. कंपनी का फोकस अब पूरी तरह से AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) पर है. इसी वजह से जो कर्मचारी नई टेक्नोलॉजी और AI को अपनाने में सक्षम नहीं होंगे, उन्हें कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. वहीं दूसरी तरफ, कंपनी अपने कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर AI स्किल्स सिखाने और नए लोगों को भर्ती करने में भी लगी हुई है.
7% रेवेन्यू ग्रोथ और AI की बढ़ती मांग
Accenture ने साल 2025 में 69.7 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू दर्ज किया, जो पिछले साल से 7% ज्यादा है. यह बढ़त मुख्य रूप से AI आधारित सॉल्यूशंस की डिमांड से आई है. इसी वजह से कंपनी अपनी टीम को फिर से तैयार कर रही है.
1 बिलियन डॉलर का ऑप्टिमाइजेशन प्रोग्राम
Accenture ने एक 1 बिलियन डॉलर का बिज़नेस ऑप्टिमाइजेशन प्रोग्राम शुरू किया है. कंपनी की CFO एंजी पार्क के मुताबिक, इस प्रोग्राम से जो बचत होगी, उसे इनोवेशन और कर्मचारियों की ट्रेनिंग में लगाया जाएगा. हालांकि, इसके साथ ही कंपनी ने 865 मिलियन डॉलर सेवरेंस और रीस्ट्रक्चरिंग पर खर्च करने का भी ऐलान किया है.
बड़े स्तर पर AI रीस्किलिंग
कंपनी की CEO जूली स्वीट ने कहा कि अब AI और अपस्किलिंग ही हमारी स्ट्रेटेजी का सबसे अहम हिस्सा है. कंपनी पहले ही 5.5 लाख कर्मचारियों को जनरेटिव AI की बेसिक ट्रेनिंग दे चुकी है. जूली स्वीट के अनुसार, “जहां रीस्किलिंग संभव नहीं है, वहां हमें कर्मचारियों को बाहर करना पड़ रहा है ताकि नई स्किल्स लाने के लिए जगह बनाई जा सके.”
AI रोल्स में नई भर्ती
Accenture फिलहाल 77,000 AI और डेटा प्रोफेशनल्स के साथ काम कर रही है, जो 2023 में सिर्फ 40,000 थे. कंपनी अब अमेरिका और यूरोप में AI से जुड़े पदों पर तेजी से भर्ती कर रही है.
AI से भविष्य की तैयारी
कंपनी का मानना है कि आने वाले समय में हर इंडस्ट्री को AI की जरूरत होगी. इसलिए Accenture अपने कर्मचारियों और सर्विसेज को उसी हिसाब से बदल रही है. यह कदम इस बात का उदाहरण है कि कैसे AI दुनिया भर में रोजगार और कामकाज का तरीका बदल रहा है.

