No Handshake Controversy: रविवार को दुबई में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मैच ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. एशिया कप (Asia Cup) के मैच में भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हरा दिया. लेकिन टॉस और जीत के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया. इसके बाद, मैच के बाद प्रेजेंटेशन सेरेमनी में भी पाकिस्तानी कप्तान सलमान आगा शामिल नहीं हुए. भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) का कहना है कि यह बीसीसीआई और टीम प्रबंधन का फैसला था. कुछ चीजें खेल भावना से बड़ी होती हैं.
क्या आईसीसी भारतीय टीम को सज़ा देगी?
इस बीच पाकिस्तान के कई पूर्व खिलाड़ियों ने इसके लिए भारतीय टीम की निंदा की और कहा कि यह खेल भावना के अनुरूप नहीं था. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने बाद में एक बयान जारी कर पुष्टि की कि उनके एशिया कप प्रतिनिधि ने भारतीय टीम के व्यवहार के बारे में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई है. अब सवाल यह उठता है कि क्या एसीसी (ACC) और आईसीसी (ICC) इस मामले की जांच करेंगे और भारतीय टीम को दंडित करेंगे?
सूर्यकुमार ने नहीं मिलाया हाथ तो ACC के सामने रोने लगे पाक के टीम मैनेजर, अब PCB ने उठाया बड़ा कदम
हाथ मिलाने पर ICC का नियम क्या है?
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में एक परंपरा है कि बल्लेबाजी करने वाली टीम विरोधी टीम से हाथ मिलाने के लिए मैदान में उतरती है. दोनों पक्षों को दोस्ताना अंदाज़ में मैच खत्म करने और एक-दूसरे को प्रोत्साहित करने का मौका दिया जाता है. अब आइए जानते हैं कि इस बारे में ICC का नियम क्या है.
ICC के अपने नियम और कानून हैं. नियमों में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि खिलाड़ियों का हाथ मिलाना अनिवार्य है. ICC की आचार संहिता में कई अन्य बातों का ज़िक्र ज़रूर किया गया है. कहा जाता है कि ‘मैच में विरोधी टीम के खिलाड़ियों और अंपायरों का सम्मान किया जाना चाहिए.’ इसलिए, क्रिकेट में मैच खत्म होने के बाद, खिलाड़ी आमतौर पर हाथ मिलाते हैं या बल्ले/दस्ताने से अभिवादन करते हैं.
आचार संहिता कहती है कि क्रिकेट को खेल भावना से खेला जाना चाहिए. निष्पक्ष खेल की ज़िम्मेदारी कप्तानों की होती है, लेकिन यह सभी खिलाड़ियों, अंपायरों और खासकर जूनियर क्रिकेट में शिक्षकों, कोचों और अभिभावकों की भी होती है. अपने कप्तान, साथियों, विरोधियों और अंपायरों के अधिकार का सम्मान करें. पूरी लगन और निष्पक्षता से खेलें. अंपायर के फैसले को स्वीकार करें. अपने आचरण से सकारात्मक माहौल बनाएँ और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें. जब परिस्थितियाँ आपके विरुद्ध हों, तब भी अनुशासित रहें. विपक्षी टीम को उनकी सफलताओं पर बधाई दें और अपनी टीम की सफलताओं का आनंद लें.

