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IND vs PAK:भारत-पाक हॉकी मैच के दौरान खिलाड़ियों ने मिलाया हाथ; क्या विवाद का हुआ अंत?

IND vs PAK Handshake: मलेशिया में भारत-पाक हॉकी मैच के दौरान खिलाड़ियों ने मिलाया हाथ, हाथ मिलाने का विवाद तब शुरू हुआ जब 14 सितंबर को क्रिकेट एशिया कप में भारत और पाकिस्तान का मुकाबला हुआ.

Published by Team InKhabar

IND vs PAK Handshake: मलेशिया में चल रहे सुल्तान जोहर कप में 14 अक्टूबर को भारत और पाकिस्तान के बीच हॉकी का मुकाबला हुआ. इससे पहले इस टूर्नामेंट में दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया. जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं.यह फोटो बहुत चर्चा में आ गई क्योंकि इससे पहले क्रिकेट के एशिया कप के दौरान भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ियों के बीच इस तरह का झगड़ा देखने को मिला था.   

पाकिस्तान हॉकी महासंघ ने क्या निर्देश जारी किये थे?

पाकिस्तान हॉकी महासंघ ने पहले ही निर्देश जारी किए थे कि उनके खिलाड़ी हैंडशेक नहीं करेंगे. उन्हें यह भी कहा गया था कि यदि भारतीय खिलाड़ी हाथ नहीं मिलाते हैं, तो उन्हें अनदेखा कर देना चाहिए और किसी भी तरह का तनाव या विवाद नहीं करना चाहिए. ध्यान देने वाली बात यह है कि उस समय पाकिस्तान की हॉकी टीम भारत नहीं आई थी, क्योंकि दोनों देशों के बीच बहुत तनाव था. 

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कब शुरू हुआ था विवाद?

यह विवाद तब शुरू हुआ जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद क्रिकेट एशिया कप टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया था. 14 सितंबर को क्रिकेट एशिया कप में भारत और पाकिस्तान का मुकाबला हुआ. उस मैच के टॉस के समय भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने पाकिस्तान के कप्तान सलमान आगा से हाथ मिलाने से इनकार कर दिय. मैच जीतने के बाद भी भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से मना कर दिया और ड्रेसिंग रूम का दरवाजा बंद कर दिया.इस तरह का व्यवहार काफी चर्चा में रहा. इसके बाद, सुपर-4 राउंड और फाइनल मैचों में भी भारतीय खिलाड़ियों ने ‘नो हैंडशेक’ नीति अपनाई, भारतीय टीम का मानना था कि यदि पाकिस्तान की टीम भारत नहीं आ रही है, तो उनके साथ दोस्ताना व्यवहार में कोई जरूरी नहीं है. वहीं, पाकिस्तान की ओर से भी इस बात का विरोध किया गया था. 

विवाद कैसे बढ़ता चला गया?

यह विवाद तब और बड़ा हो गया जब भारत ने फाइनल जीतने के बाद ट्रॉफी लेने से मना कर दिया. उस समय पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन मोहसिन नकवी ट्रॉफी अपने साथ ले गए थे, जो आज तक भारतीय टीम को नहीं दी गई ह. यह बात भी चर्चा का विषय बन गई है कि ट्रॉफी अभी भी पाकिस्तान के पास ही है. यह संपूर्ण मामला इस बात को दर्शाता है कि खेलों में भी तनाव और राजनैतिक मतभेद कैसे खिलाड़ियों के बीच संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं. उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले समय में दोनों देश इस तरह के विवादों से ऊपर उठकर खेल के जरिए दोस्ती और सौहार्द का संदेश फैलाएंगे

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