Mohammad Yousuf on Suryakumar Yadav: रविवार को हुए छठे एशिया कप 2025 मुकाबले में भारत पाकिस्तान के खिलाड़ियों के बीच हाथ न मिलाने के विवाद के बाद, पूर्व पाकिस्तानी बल्लेबाज मोहम्मद यूसुफ ने लाइव टेलीविज़न पर भारतीय टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव के लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया. बता दें, दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में ग्रुप ए के मैच में मिली हार के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से परहेज किया था.
लाइव शो पर किया अपशब्द का इस्तेमाल
पूर्व पाकिस्तानी बल्लेबाज मोहम्मद यूसुफ ने समा टीवी पर एक बातचीत के दौरान सूर्यकुमार के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. यूसुफ ने प्रोग्राम के दौरान “सूर्यकुमार यादव” को “सुअरकुमार यादव” कहकर संबोधित किया. एंकर के टोकने के बाद भी उन्होंने फिर से वही अपशब्द दोहराया. बाद में यूसुफ ने टेलीविज़न शो में कहा, “भारत अपनी फ़िल्मी दुनिया से बाहर नहीं निकल पा रहा है. जिस तरह से वे जीतने की कोशिश कर रहे हैं, उस पर उन्हें शर्म आनी चाहिए, अंपायरों और मैच रेफरी का इस्तेमाल करके विपक्षी टीमों को परेशान करना, यह बहुत बड़ी बात है.”
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सात विकेट की जीत के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने अपने विरोधी टीम से हाथ नहीं मिलाया. भारतीय कप्तान ने सूफियान मुकीम की गेंद पर छक्का जड़कर टीम के 128 रनों के लक्ष्य को आराम से हासिल कर लिया. छक्का लगाने के बाद, वह और नॉन-स्ट्राइकर शिवम दुबे मैदान से बाहर गए और ड्रेसिंग रूम के बाहर इंतज़ार कर रहे अपने साथियों से मिले. पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने आपस में हाथ मिलाया और भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम के पास आकर देखा कि उनके विरोधी नीचे आएंगे या नहीं. और भारतीय खिलाड़ी पाकिस्तानी खिलाड़ियों से मिलने नहीं आए.
भारतीय कप्तान ने दिया जवाब
सूर्यकुमार यादव ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मुझे लगता है कि हमारी सरकार और BCCI के बीच पूरी तरह से तालमेल था. हम यहां आए और फैसला लिया. हम यहां सिर्फ़ मैच खेलने आए थे, और हमने बेहतर जवाब दिया.”
“मुझे लगता है कि जीवन में कुछ चीज़ें एक खिलाड़ी की भावना से भी आगे होती हैं. और मैं इसका जवाब पहले ही दे चुका हूँ. मैंने प्रेजेंटेशन में भी कहा है कि हम वास्तव में पहलगाम आतंकी हमले के सभी पीड़ितों के साथ खड़े हैं. और हम उनके परिवारों के साथ भी खड़े हैं, अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं.” उन्होंने आगे कहा, “जैसा कि मैंने कहा, हम इस जीत को ऑपरेशन सिंदूर में भाग लेने वाले अपने बहादुर जवानों को समर्पित करते हैं. और जैसा कि वे हम सभी को प्रेरित करते रहते हैं, इसलिए जब भी हमें मौका मिलेगा, हम उन्हें भी प्रेरित करने की पूरी कोशिश करेंगे.”

