Categories: धर्म

मरने के बाद टूट जाता है आत्मा का परिवार से संबंध? तो क्यों किया जाता है श्राद्ध कर्म तर्पण और पिंडदान! जाने यहां

Why Shraddha Performed In Pitru Paksha? ऐसा कहा जाता है कि मृत्यु के बाद आत्मा का परिवार से संबंध टूट जाता है, तो फिर पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म तर्पण और पिंडदान का फल आत्मा को कैसे मिलता है? तो चलिए जानते हैं यहां.

Published by chhaya sharma

Why Shraddha Performed In Pitru Paksha? माना जाता है कि मरने के बाद आत्मा का संबंध परिवार से टूट जाता है, तो फिर क्यों पितृ पक्ष में तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म आदि पितरों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है और इन सब का फल हमारे पुर्वजों की आत्मा को कैसे मिलता हैं, तो चलिए जानते हैं यहां  

दरअसल, प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Maharaj) ने पितरों के श्राद्ध को लेकर भी कई अहम बातें बताई हैं. उनसे एक भक्त ने पूछा कि कहा जाता है कि मृत्यु के बाद किसी भी मृतक की आत्मा दूसरा जन्म ले लेती है या फिर अपने कर्मों के अनुसार स्वर्ग-नर्क को पाती है, इसलिए आत्मा का संबंध परिवार से टूट जाता और वो दूसरा जन्म लेती है, ऐसे में पितृ पक्ष में तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म आदि करने से परिवारजन और पुण्य आत्मा को फल कैसे मिलता है? चलिए जानते हैं इस पर प्रेमानंद जी महाराज का क्या कहना है?

मृत्यु के बाद टूट जाता है संबंध तो आत्मा कैसे पाती श्राद्ध का फल

प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Maharaj) भक्त के इस सवाल का उत्तर देते हुए कहते हैं कि हिंदू धर्म में श्राद्ध केवल सिर्फ अनुष्ठान नहीं, बल्कि अपने पितरों के प्रति कृतज्ञता का भाव है और पुर्वजों को सम्मान देना है, जैसे किसी के भी पिता भले ही स्वर्ग सिधार गए हो, लेकिन परिवार तो, जीवित रहते हुए उनकी संपत्ति आदि का सुख तो भोग रहा हैं. ऐसे में पितृ पक्ष में अपने पुर्वजों के नाम का दान, तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करेंगे, तो उसका फल उन्हें उस योनि में मिलेगा, जिसमें वो होंगे. अगर वो अपने कर्मों का दंड भोग रहे हैं, तो उनका उत्थान होगा.

Related Post

संवर जाता है आत्मा का अगला जन्म

मृत्यु के बाद भले ही आत्मा का संबंध परिवार से टूट जाए, लेकिन भावनात्मक संबंध नहीं खत्म होता है, ऐसे में अगर आप अपने पुर्वजों का तर्पण, पिंडदान नहीं करते हैं, तो ये आपकी ही कर्तव्यहीनता होगी, क्योंकि जीवित रहते हुए आपके पुर्वजों ने अपने परिवार के लिए जो भी किया और अपना कर्तव्य पूर्ण कर मृत्यु को प्राप्त होए हैं. इसके बाद  परिवारवालों की जिम्मेदारी होती है कि, वो भी अपना कर्तव्य निभाएं और अपने पुर्वजों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म, आपका ऐसा करना उनका अगला जन्म संवर देगा और इसका पूरा फल उन्हें ही मिलेगा, फिर वो चाहे किसी भी योनि में हो.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

chhaya sharma

Recent Posts

Cloudflare फिर हुआ down..! एक साथ कई वेबसाइट हुई बंद, लोगों ने की शिकायत..

Cloudflare down: देश भर में एक बार फिर क्लाउडफ्लेयर डाउन हो गया है और लोगों…

December 5, 2025

बेटी के सम्मान की लड़ाई, पिता ने किया कुछ ऐसा कि रेलवे भी हुआ झुकने पर मजबूर

Railway Concession Certificates: रेलवे ने दिव्यांग व्यक्तियों के रियायती प्रमाणपत्रों में “मानसिक रूप से विकृत”…

December 5, 2025

कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय की शादी का Video वायरल, ताज आमेर में लेंगे सात फेरे; जानें कौन हैं उनकी दुल्हन

Indresh Upadhyay Marriage: मशहूर कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय की शादी का पहला वीडियो सोशल मीडिया पर…

December 5, 2025

Breast Implant: स्तन फटने से लेकर इन्फेक्शन तक का डर! यूं ही नहीं Sherlyn Chopra ने हटवाया ब्रेस्ट इम्प्लांट, कितना है खतरनाक?

Breast Implant Side Effects: ब्रेस्ट ऑग्मेंटेशन एक सर्जरी है जिससे ब्रेस्ट का साइज़ बढ़ाया जाता…

December 5, 2025