Sawan Shivratri 2025: सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि मनाई जानी है। इस शिवरात्रि की भक्तों के बीच काफी मान्यता है। हर साल यह त्यौहार सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। साथ ही जलाभिषेक किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। इस दिन व्रत करने से घर में सुख-समृद्धि और यश-कीर्ति का वास होता है।
किस मुहर्त पर करें जलाभिषेक?
मान्यता के अनुसार, शिवरात्रि को शिव-पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इसलिए इस दिन को शिव के भक्त बड़े ही धूमधाम से मनाते है। साथ ही कहते हैं कि अगर स्त्री-पुरुष श्रद्धा भाव से शिवशक्ति की पूजा करता है तो उसकी लव मैरिज की इच्छा जल्द पूरी होती है। 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि का यह त्यौहार मनाया जाएगा। लेकिन इस बार शिवरात्रई पर भद्रा का संकट मंडरा रहा है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि जलाभिषेक किस मुहूर्त में किया जाना चाहिए।
जलाभिषेक का शुभ समय
शिवरात्रि का आरंभ 23 जुलाई की सुबह 4:39 से होगा और 24 जुलाई की रात 2:28 मिनट पर इसका अंत होगा। यह त्यौहार 23 जुलाई को मनाया जाएगा। बता दें कि भद्रा का समय सुबह 5:37 मिनट से शुरू होगा और 3:31 मिनट तक रहने वाला है। यानी शुभ मुहर्त 4:15 मिनट से लेकर 4:56 मिनट तक रहेगा। आप इस मुहर्त में पूजा-पाठ कर सकते हैं।
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