Rama Ekadashi 2025 : हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है. एकादशी व्रत महीने में दो बार आते हैं. कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाले एकादशी व्रत को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है. यह व्रत देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. रमा एकादशी दिवाली से पहले आती है और देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है.
रमा एकादशी का शुभ मुहूर्त?
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष रमा एकादशी शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी. एकादशी तिथि 16 अक्टूबर को सुबह 10:35 बजे से शुरू होकर 17 अक्टूबर को सुबह 11:12 बजे तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार, यह व्रत 17 अक्टूबर को रखा जाएगा. वहीं, रमा एकादशी शनिवार, 18 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी. व्रत खोलने का शुभ मुहूर्त सुबह 6:24 बजे से 8:41 बजे तक रहेगा.
मां एकादशी पूजा विधि?
- रमा एकादशी के दिन, सुबह स्नान करके पीले या सफेद वस्त्र धारण करें.
- पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें.
- भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की मूर्तियाँ स्थापित करें.
- भगवान हरि को चंदन, पुष्प, तुलसी के पत्ते, धूप और दीप अर्पित करें.
- इस दौरान “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें.
- इस दिन श्री सूक्त या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने का विशेष महत्व है.
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रमा एकादशी का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, रमा एकादशी का व्रत करने से एक हजार अश्वमेध यज्ञों के बराबर फल मिलता है. इस व्रत को करने से जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. रमा एकादशी के दिन अनाज, प्याज, लहसुन और सरसों के तेल का सेवन वर्जित है. दिन भर उपवास रखने के बाद, महिलाएं शाम को भगवान विष्णु की पूजा करती हैं और रमा एकादशी कथा सुनती हैं. अगले दिन शुभ मुहूर्त में जल अर्पित करके व्रत तोड़ा जाता है.
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रमा एकादशी मंत्र
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय.
- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः.
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