Puja Path: 15 नवंबर, 2025 शनिवार का दिन बेहद खास है. इस दिन शनिवार के साथ-साथ एकादशी का संयोग भी बन रहा है. मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन देवी एकादशी उत्पन्न हुई थी, इसीलिए इस एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है. साथ ही इस खास दिन पर शनिवार का दिन पड़ने से आप शनि देव के साथ-साथ भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी प्राप्त कर सकते हैं.
एकादशी पूजा की विधि
- इस दिन सुबह उठकर स्नान कर, व्रत का संकल्प लें.
- सूर्य को अर्घ्य दें और सबसे पहले भगवान गणेश को नमन करें.
- इस दिन मंदिर में लाल चौकी स्थापित करें और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें.
- इस दिन दक्षिणावर्ती शंख से दूध से विष्णुजी का अभिषेक करें.
- तुलसी विष्णु जी को अर्पित करें.
- भगवान विष्णु के मंत्र ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ का जाप करें.
- उत्पन्ना एकादशी व्रत की कथा करें.
- शाम के समय तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं
- व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी तिथि पर करें.
इस दिन अन्न का दान करें और जरूरतमंदों की सेवा करें. ऐसा करने से श्री हरि नारायण भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है.
शनिवार पूजा विधि
- शाम के समय शनि मंदिर जाकर शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करें और शनि देव के समक्ष सरसों के तेल में काले तिल डालकर दीपक जलाएं.
- शनि देव के मंत्र ‘ॐ शं शनैश्चराय नम:’ का 11 बार जाप करें.
- शनि चालीसा का पाठ करें.
- शनि देव से भूल की क्षमा याचना करें
शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव महाराज को समर्पित है. इस दिन शनि देव की कृपा पाने के लिए शनि देव से जुड़ी चीजों का दान करें. इस दिन काले तिल, तेल का दान करना शुभ माना जाता है.
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