Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज, एक हिंदू तपस्वी और गुरु हैं, जो राधावल्लभ संप्रदाय मो मानते हैं. प्रेमानंद जी महाराज अपनी भक्ति, सरल जीवन, और मधुर कथाओं के लिए लोगों में काफी प्रसिद्ध हैं. हर रोज लोग उनके कार्यक्रम में शामिल होते हैं जहां वह लोगों के सवालों के जवाब देते हैं.हजारों लोगों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन देते हैं. उनके प्रवचन, जो दिल को छू जाते हैं, ने उन्हें बच्चों और युवाओं सहित विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के बीच लोकप्रिय बनाया है. प्रेमानंद जी महाराज नाम जप करने के लिए के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं और साफ मन से अपने काम को करें और सच्चा भाव रखें.
इस लेख के जरिए जानें कि प्यार के बारे में क्या मानना है प्रेमानंद जी महाराज का, उनके अनमोल वचन अपने प्यार और प्यारा के बारे में..
प्रेमानंद जी महाराज जी कहते हैं कि जब किसी से प्यार होता है तो वहीं गली अच्छी लगती है जिसमें हमारा प्यारा होता है, अगर प्यारे से हमारा मिलन ना हो भोजन अच्छा नहीं लगता, नींद अच्छी नहीं लगती, रात में वहीं ध्यान में आता है. उसके सिवा कोई है नहीं, अपना श्रृंगार भी अच्छा नहीं लगता, दोस्त भी अच्छे नहीं लगते, कुछ नहीं अच्छा लगता, बस एक बार कोई उस गली से गुजर जाएं और वह आकर बताएं कि मैंने उसे देखा है. बस एक बार वो बता दें कि वो मेरे बारे में चर्चा कर रहा था. उसकी बातचीत, उसकी मुसकान, उसका देखना बस यहीं सब अच्छा लगता है. किसी को प्यार हो जाए तो प्यार में ऐसा हाल हो जाता है.
तब खान पान नहीं भावे है कोमल बसंत सुहावे है सब विषय लगे ते खारा है हरि आशिक़ का मग न्यारा है.
प्रेमानंद जी महाराज मानते हैं कि आशिकी एक गजब की चीज होती है. आशिकी जब प्रबल हो जाती है तो जीना मुश्किल हो जाता है. प्यारे के बिना जीना मुश्किल हो जाता है, भय होता है कि प्यारा दूर ना हो जाए. प्यार बहुत बड़ी चीज है.
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