Categories: धर्म

Premanand Ji Maharaj: मन भक्ति में लगता है, फिर भी कुछ समय बाद भटक जाता है जानें प्रेमानंद जी महाराज से इसका कारण

Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के अनमोल वचन लोगों को उनके जीवन के प्रेरित करते हैं. नाम जप, भगवान की सेवा, माता-पिता की सेवा करना ही परम सेवा है. जानते हैं प्रेमानंद जी महाराज से आखिर क्यों मन भक्ति में लगता है, फिर भी कुछ समय बाद भटक जाता है.

Published by Tavishi Kalra

Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज, एक हिंदू तपस्वी और गुरु हैं, जो राधावल्लभ संप्रदाय को मानते हैं. प्रेमानंद जी महाराज अपनी भक्ति, सरल जीवन, और मधुर कथाओं के लिए लोगों में काफी प्रसिद्ध हैं. हर रोज लोग उनके कार्यक्रम में शामिल होते हैं जहां वह लोगों के सवालों के जवाब देते हैं.हजारों लोगों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन देते हैं. उनके प्रवचन, जो दिल को छू जाते हैं, ने उन्हें बच्चों और युवाओं सहित विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के बीच लोकप्रिय बनाया है. प्रेमानंद जी महाराज नाम जप करने के लिए के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं और साफ मन से अपने काम को करें और सच्चा भाव रखें.

भक्त के सवाल पर प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि मन भक्ति में लगता है, फिर भी कुछ समय बाद भटक जाता है,ऐसा क्यों होता है,

अभी लगता मन लगता नहीं है, अगर आपका मन भगवान की भक्ति में लग जाएगा तो भटकता नहीं है, जब तक भटकता है तब तक लगता नहीं है, अभी ऐसा लगता है कि लगता है, लेकिन लगता नहीं है, जब लग जाएगा तो हटाओगे तो भी भगवान से मन हटेगा नहीं.

अभ्यासअभ्यासयोगयुक्तेन चेतसा नान्यगामिना परमं पुरुषं दिव्यं याति पार्थानुचिन्तयन् 

Related Post

जो व्यक्ति अभ्यास और योग से युक्त, एकाग्रचित्त होकर, अन्यत्र न भटकते हुए, निरंतर परम दिव्य पुरुष (परमेश्वर) का चिंतन करता है, वह निश्चित रूप से उसी परम पुरुष को प्राप्त करता है. बार-बार में संसार में जाते हुए मन को भगवान में लगाओं, अभ्यास करो, ऐसे ही नहीं लग जाता है भगवान में, विषयों में सुख, बुद्धि है, संसार में प्रियता है, इसीलिए इस तरफ जाता है.

जब भगवान में लग जाएगा या भक्ति में लग जाएगा फिर नहीं हटेगा. फिर आपका बात करने का भी मन नहीं करेगा. इसीलिए अभ्यास करो, नाम कीर्तिन करों, कथा सुनो, पढ़ों, नाम जप करो, सत्यंग सुनो, इस अभ्यास से जब हम बार-बार आध्यात्मिक बातें सुनेंगे, कहेंगे और इन बातों का चिंतन करेंगे तो हमारा मन लगा जाएगा. जब मन लग गया तो निहाल हो गया, मुक्त हो गया. सारी लड़ाई इसी बात की है कि मन भगवान में लग जाए. परम पुरुष, दिव्य आत्मा बन जाएगा.  भगवान में लगा हुआ मन मोक्ष का कारण है.

Tulsi Mala Explainer: तुलसी माला को पहनने के नियम क्या होते हैं? इसका धार्मिक महत्व क्या है?

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

Tavishi Kalra
Published by Tavishi Kalra

Recent Posts

Bharti Singh: भारती सिंह ने अपने दूसरे बेटे को लेकर दिया अपडेट, कहा- ‘काजू बहुत अच्छे से…’!

Bharti Singh Second Baby: भारती सिंह और हर्ष लिम्बाचिया 19 दिसंबर को दूसरे बेटे के…

December 25, 2025

ना कपूर, ना खान और ना बच्चन परिवार…जानें बॉलीवुड की सबसे अमीर फैमिली, करोड़ों की नेटवर्थ

Bollywood Richest Family: क्या आप उस खानदान के बारे में जानते हैं, जो बच्चन, खान…

December 25, 2025

Christmas 2025: पहली बार अपने बच्चों से दूर क्रिसमस मना रहीं सेलीना जेटली! बच्चों को याद कर शेयर किया मैसेज

Christmas 2025: सेलीना जेटली ने अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज किया.…

December 25, 2025

Bigg Boss 10: क्या कर रहे बिग बॉस 10 का विनर, जानें किस वजह से सुर्खियों में रहा सलमान खान ये सीजन?

Bigg Boss Season 10: बिग बॉस सीजन 10 को भी बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान ने…

December 25, 2025