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Online Shradh: ऑनलाइन श्राद्ध का चलन सही है या नहीं, जानें यहां?

Online Shradh ka Mehtav: आज के समय में डिजिटल प्लेटफॉर्म ने जीवन के लगभग हर क्षेत्र को प्रभावित किया है. पूजा-पाठ और धार्मिक कर्मकांड भी अब ऑनलाइन होने लगे हैं. श्राद्ध कर्म, जो परंपरागत रूप से घर या पवित्र स्थल पर परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में किया जाता था, अब ऑनलाइन माध्यम से भी करवाया जा रहा है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या ऑनलाइन श्राद्ध करना सही है या गलत? इसका उत्तर धार्मिक मान्यताओं, व्यक्तिगत आस्था और परिस्थितियों पर निर्भर करता है.

Published by Shivi Bajpai

Online Shradh 2025: ऑनलाइन श्राद्ध करना पूरी तरह से गलत नहीं है, लेकिन यह पारंपरिक श्राद्ध का विकल्प मात्र है. यदि परिस्थितियों के कारण आप स्वयं श्राद्ध में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, तो ऑनलाइन माध्यम से विधि-विधान करना भी स्वीकार्य है. बशर्ते कि इसमें आपकी श्रद्धा, आस्था और सच्चा मन जुड़ा हो। किंतु यदि संभव हो, तो श्राद्ध को घर या किसी पवित्र स्थान पर प्रत्यक्ष रूप से करना ही श्रेष्ठ माना गया है.

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ऑनलाइन श्राद्ध का चलन क्यों फेमस हो रहा है?

हिंदू धर्म में श्राद्ध का महत्व बहुत अधिक है. यह कर्मकांड पितरों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है. शास्त्रों में कहा गया है कि श्राद्ध का मूल आधार “श्रद्धा” है. यानि यदि व्यक्ति पूरी भावना, आस्था और सच्चे मन से अपने पूर्वजों के लिए तर्पण और पिंडदान करता है, तो वह स्वीकार्य होता है. आज कई लोग नौकरी, पढ़ाई या प्रवास की वजह से अपने घर या तीर्थ स्थानों पर जाकर श्राद्ध करने में असमर्थ होते हैं. ऐसे में ऑनलाइन श्राद्ध उनके लिए एक विकल्प बनकर सामने आया है. इस व्यवस्था में व्यक्ति किसी पंडित या संस्था से जुड़कर वीडियो कॉल या लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए श्राद्ध कर्म करवा सकता है.

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धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो श्राद्ध का उद्देश्य पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना और उन्हें तृप्त करना है. यदि ऑनलाइन श्राद्ध में विधि-विधान का पालन सही तरीके से किया जाए और व्यक्ति मन से इसमें शामिल हो, तो यह गलत नहीं है. क्योंकि यहाँ असली महत्व कर्मकांड से अधिक श्रद्धा और भावनाओं का है.

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Shivi Bajpai

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