Guruvayur Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में गुरुवायुर एकादशी का खास महत्व है. दक्षिण भारत में मुख्य रूप से इस दिन को बड़े पैमाने पर मनाया जाता है. उत्तर भारत में इस एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को लोग गुरुवायुर एकादशी के रूप में मनाते हैं. इस वर्ष गुरुवायुर एकादशी 1 दिसंबर, 2025 को मनाई जा रही है.
गुरुवायुर एकादशी 2025: तिथि और समय
एकादशी तिथि का प्रारंभ- नवंबर 30, 2025 से रात्रि 9 बजकर 29 मिनट तक
एकादशी तिथि की समाप्ति- 1 दिसंबर 2025 को शाम 7 बजकर 1 मिनट पर
पारण का समय- 2 दिसंबर, 2025 को सुबह 6 बजकर 57 मिनट से सुबह 9 बजकर 3 मिनट तक
द्वादशी समाप्ति- 2 दिसंबर 2025 को 3 बजकर 57 मिनट पर
Mokshada Ekadashi 2025: मोक्षदा एकादशी आज, इन दिन जलाएं घर इन जगहों पर दीपक मिलेगी भगवान विष्णु की असीम कृपा
गुरुवयूर एकादशी 2025 का महत्व
गुरुवायुर एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. दक्षिण भारत में मोक्षदा एकादशी को गुरुवयूर एकादशी के रूप में मनाया जाता है. केरल के गुरुवायुर स्थित श्री कृष्ण मंदिर में भगवान कृष्ण की पूजा करना गुरुवायुर एकादशी मनाने का मुख्य कारण है. इस शुभ दिन पर कई हाथी एक भव्य जुलूस में भाग लेते हैं.

