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Govardhan Puja 2025: भगवान श्री कृष्ण को बेहद पसंद है ये भोग, बना लें गोवर्धन पूजा से पहले ही

Govardhan Puja 2025 Krishan Ji Favorite Bhog. दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन कृष्ण जी ने ब्रजवासियों को देवराज इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाया था. इसलिए इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है और पूजा में उनकी पसंद का भोग भी उन्हें लगाया जाता है. चलिए जानते हैं यहां क्या भगवान श्री कृष्ण का प्रिय भोग.

Published by chhaya sharma

Govardhan Puja 2025: दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है, जिसे कई जगहों पर अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन कृष्ण जी ने ब्रजवासियों को देवराज इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाया था. इसलिए लोग इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूरे विधि विधान से पूजा करते हैं और पूजा में उनकी पसंद का भोग भी उन्हें लगाते हैं. चलिए जानते हैं यहां क्या भगवान श्री कृष्ण का प्रिय भोग क्या है, जो उन्हें गोबरधन पूजा में लगाया जाता है.

चना दाल और चावल बनाने की है परंपरा 

गोवर्धन पूजा में बेहद खास तरह का भोग भगवान श्री कृष्ण को लगाया जाता है. दरअसल, छतरपुर की तरफ दीवाली की रात में चना दाल और चावल बनाने की परंपरा है, फिर चाहे आपके घर में कितने भी पकवान बने, लेकिन उसमें चना की दाल और चावल जरूर होना चाहिए और यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है. अगर इसे न बनाए तो गोवर्धन पूजा नहीं मना पाते हैं. गोवर्धन पूजा के पहले तक इसे भोग को अलग रखा जाता है. इस भोजन को कोई नहीं छूता. फिर गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा के दौरान जब गोबर का पर्वत बनाया जाता है. तब इस पर्वत में चना दाल और चावल चढ़ाया जाता है और भगवान श्री कृष्ण को भोग लगाया जाता है. उसी दिन ही आप भी  इस भोजन को खा सकते हैं

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गोबर से बनता है गोवर्धन पर्वत

गोवर्धन पूजा के दिन घर के आंगन या मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनानी चाहिए. इसके मध्य में भगवान कृष्ण की प्रतिमा स्थापित कर के पूजा करनी चाहिए . इस दिन भी 56 भोग या अन्नकूट तैयार करते हैं और भगवान श्री कृष्ण तथा गोवर्धन महाराज को अर्पित करते हैं. इस भोग में कढ़ी-चावल और माखन-मिश्री जरूर शामिल होते हैं.

Disclaimer:स लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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