Geeta Jayanti 2025 Kab: हिंदू धर्म में हर पर्व का विशेष महत्व है. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती के नाम से जाना जाता है. इस दिन मोक्षदा एकादशी का पर्व भी मनाया जाता है. इस दिन पर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश किया था और मोक्षदा एकादशी का अर्थ भी समझाया था.
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन को गीता जयंती, जो हिन्दुओं के पवित्र ग्रन्थ श्रीमद्भागवत गीता के जन्म का प्रतीक है माना गया है.
गीता जयंती 2025 कब?
पंचांग के अनुसार इस दिन एकादशी तिथि की शुरुआत 30 नवंबर को रात 9.29 मिनट पर होगी, वहीं एकादशी तिथि का अंत 1 दिसंब को शाम 7.01 मिनट पर होगा. इसीलिए उदयातिथि होने के कारण गीता जयंती 1 दिसंबर को पड़ रही है.
गीता जयंती महत्व
इस दिन अपनी क्षमता के अनुसार पाठ करें. गीता हिंदू धर्म का प्रमुख ग्रंथ है. जिसमें 710 श्लोकों का वर्णन है और साथ ही 18 अध्याय भी हैं. महाभारत के युद्ध में भगवान श्री कृष्ण ने 575 श्लोक सुनाए. गीता के उपदेशों का अर्जुन पर प्रभाव पड़ा और उसके बाद उन्होंने कौरवों के खिलाफ युद्ध आरंभ किया. माना जाजता है गीता के उपदेशों ने अर्जुन को राह दिखाई.
इस दिन क्या करें?
1.इस दिन श्रीमद्भागवत गीता का पाठ अवश्य करें.
2. इस दिन गीता का पाठ करने से भगवान कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन की समस्याओं का अंत होता है.
3. इस दिन सुबह स्नान के बाद ,पीले वस्त्र धारण करें, भगवान श्रीकृष्ण और गीता की पूजा करें.
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