Garunda Purana: गरुड़ पुराण हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में शामिल है. इसमें विस्तार से मृत्यु के बाद की यात्रा के बारे में बताया गया है. धरती पर जन्म लेने वाले प्रत्येक जीव की मृत्यु निश्चित है. मृत्यु के बाद आत्मा अपने कर्मों के आधार पर स्वर्ग या नरक जाती है. गरुड़ पुराण के अनुसार धर्म का पालन करने वाले व्यक्ति स्वर्ग जाता है.
इसके विपरीत पाप, कर्म, छल, हिंसा, लोभ और अधर्म करने वाले नरक जाते हैं. आत्मा को उसके कर्मों का फल नरक में ही दिया जाता है. गरुड़ पुराण में अनेकों नरक का वर्णन किया गया है. इन नरक में विशेष पाप करने वालों को विशिष्ट प्रकार की सजा दी जाती है.
इन 5 गलतियों की मिलती है नरक में सजा
कालसूत्र नरक
इस नरक में बड़े बुजुर्गों का अपमान करने और अहंकार से भरे रहने वाले लोगों की आत्माएं आती है. इस नरक में बहुत ही ज्यादा गर्मी रहती है.
कुंभीपाक नरक
गरुड़ पुराण में इस नरक को सबसे खतरनाक माना जाता है. अपने स्वार्थ में जानवरों की हत्या करने और हिंसा को जीवन का हिस्सा बना लेने वालों की आत्मा को कुंभीपाक नरक में भेजा जाता है. इस नरक में आत्मा को खौलते हुए तेल में डाला जाता है.
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रौरव नरक
स्वार्थी, लालची और ईर्ष्यालु तथा दूसरों के संसाधनों पर ऐश करने वाले लोगों की आत्मा को रौरव नरक में भेजा जाता है. इस नरक में आत्मा को भयंकर पीड़ा झेलनी पड़ती है.
अंधतमिस्त्रम नरक
वैवाहिक संबंधों की मर्यादा तोड़कर जीवनसाथी के साथ विश्वासघात करने वालें लोगों की अंधतमिस्रम नरक में भेजा जाता है.
तमिश्रम नरक
धोखे से किसी की संपत्ति को हड़पने वाले लोगों की आत्माओं को तमिश्रम नरक भेजा जाता है.

