Dussehra 2025 Upay : इस साल दशहरा या विजयादशमी का पर्व 2 अक्टूबर 2025 को यानी आज पूरे देश में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. ये पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है, जिसे रावण दहन के रूप में मनाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दशहरा के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और रुके हुए कार्यों में भी प्रगति देखने को मिलती है.
दशहरा के दिन केसर, हल्दी और चंदन को मिलाकर विजय तिलक बनाना शुभ माना जाता है. इस तिलक को मस्तक पर लगाने से ग्रहों की शुभता बढ़ती है और रुका हुआ भाग्य भी साथ देने लगता है. ये एक प्राचीन परंपरा है जो मानसिक शांति के साथ-साथ आत्मविश्वास भी बढ़ाती है.
आयुध पूजा: कार्यक्षमता में आएगी वृद्धि
विजयादशमी के दिन आयुध पूजा का विशेष महत्व होता है. अपने व्यवसाय या नौकरी से जुड़े उपकरण जैसे- कंप्यूटर, पेन, मशीन आदि को पहले गंगाजल से शुद्ध करें. फिर उन पर केसर और चंदन का तिलक करें. इससे कार्य में न केवल सफलता मिलती है बल्कि लगातार उन्नति के रास्ते भी खुलते हैं.
झाड़ू दान: आर्थिक संकट से मिलेगा छुटकारा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दशहरा के दिन झाड़ू का दान करने से जीवन में आर्थिक स्थिरता आती है. किसी नजदीकी मंदिर में जाकर एक साफ झाड़ू दान करें. यह उपाय दरिद्रता को दूर करता है और घर में समृद्धि के द्वार खोलता है.
शमी वृक्ष: शत्रु पर विजय का प्रतीक
दशहरे के दिन शमी का पौधा लगाना या उसमें जल अर्पित करना अत्यंत शुभ होता है. शास्त्रों में शमी को विजय और शक्ति का प्रतीक माना गया है. यदि आपके घर में पहले से शमी का पौधा है, तो आज के दिन उसे जल चढ़ाएं और दीपक जलाकर प्रार्थना करें. इससे शत्रु नष्ट होते हैं और आत्मबल बढ़ता है.
रावण दहन की राख से घर में फैलेगी पॉजिटीविटी
रावण दहन के बाद जब उसका पुतला पूरी तरह से जल जाए, तो उसकी थोड़ी सी राख या लकड़ी घर लाना शुभ माना जाता है. इसे घर के किसी ऐसे स्थान पर रखें, जहां बाहरी व्यक्ति की नजर न पड़े. ये उपाय घर की नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करता है और पॉजिटीविटी को बढ़ावा देता है.
दशहरा केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और शक्ति के संकल्प का दिन है. उपरोक्त उपायों को श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से जीवन में सुख, शांति और सफलता का आगमन निश्चित होता है.

