Dhanteras 2025 : धनतेरस, जो इस साल 18 अक्टूबर 2025 (शनिवार) को मनाया जाएगा, सिर्फ सोना, चांदी या बर्तन खरीदने का दिन नहीं है. ये दिन स्वास्थ्य, सुरक्षा और मानसिक व भौतिक समृद्धि से भी गहराई से जुड़ा हुआ है. प्राचीन शास्त्रों और पुराणों में इस दिन को अत्यंत शुभ और शक्तिशाली माना गया है, खासकर जब ये देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा के साथ मनाया जाए.
धनतेरस का महत्व
धनतेरस शब्द का अर्थ ही है – “धन की तेरहवीं”, जो कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को आता है. इस दिन देवी लक्ष्मी, जो धन और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं और भगवान धन्वंतरि, जो आयुर्वेद और स्वास्थ्य के देवता हैं, दोनों की पूजा की जाती है.
ये पर्व घर की सफाई, नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और नए आरंभ के लिए बेहद शुभ माना जाता है. इसलिए, लोग न केवल बर्तन या आभूषण खरीदते हैं, बल्कि अपने जीवन में सौभाग्य, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा लाने का प्रयास करते हैं.
क्या लोहे की चीजें धनतेरस पर खरीदना शुभ है?
अक्सर लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि धनतेरस पर लोहे की वस्तुएं खरीदना सही है या नहीं? क्या इससे शनि देव नाराज हो सकते हैं? इसका जवाब है – नहीं.
शास्त्रों के अनुसार, शनि देव का संबंध लोहे से है और ये धातु स्थायित्व, मजबूती और सुरक्षा का प्रतीक है. लोहे की वस्तुएं घर में रखने से न केवल जीवन में स्थिरता आती है, बल्कि शनि देव की कृपा भी बनी रहती है. इसलिए, धनतेरस के दिन लोहे की वस्तुएं खरीदना नकारात्मक नहीं, बल्कि पूरी तरह से शुभ माना गया है.
कब और कैसे खरीदें लोहे की चीजें?
सुबह से दोपहर तक का समय धनतेरस पर विशेष रूप से शुभ माना जाता है.
लोहे की वस्तुएं जैसे – ताले, औजार, स्टील के बर्तन, दरवाजों की फिटिंग, आदि खरीदी जा सकती हैं.
इन्हें खरीदने का उद्देश्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और मजबूती से जुड़ा होना चाहिए, न कि सिर्फ सजावट या दिखावे के लिए.
खरीदने के बाद वस्तु की सफाई, उसका ठीक से स्थान तय करना और पूजा के बाद घर में लाना शुभ फल देता है.
इन बातों का रखें ध्यान
1. लोहे की वस्तु का सही उपयोग करें – जैसे घर की सुरक्षा के लिए, रसोई में या कार्यस्थल पर.
2. खरीदी गई वस्तु को पहले साफ करें, फिर पूजन करें.
3. शुभ मुहूर्त में खरीदारी करें – सुबह या दोपहर तक का समय सर्वोत्तम माना जाता है.
4. बुरे विचारों या संदेह से बचें – शुद्ध मन और अच्छे इरादे से खरीदी गई वस्तु हमेशा शुभ फल देती है.
धनतेरस केवल धन की खरीदारी का पर्व नहीं है, बल्कि ये हमारे जीवन में नए अवसर, सुरक्षा, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रवेश द्वार है. सही भावना और श्रद्धा से किया गया कोई भी कार्य, चाहे वह लोहे की वस्तु खरीदना ही क्यों न हो, शुभ और फलदायी होता है.
Disclaimer: ये लेख धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारी पर आधारित है. इसका उद्देश्य किसी विशेष आस्था को बढ़ावा देना नहीं है. निर्णय लेते समय अपनी व्यक्तिगत मान्यता और सलाहकार की राय अवश्य लें.

