Devuthani Ekadashi 2025: वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2025 में देवउठनी एकादशी 1 नवंबर यानी आज के दिन मनाई जा रही है. इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा के बाद जागते हैं. इस दिन से चुतुर्मास की समापति होती है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी, देवोत्थान एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और माता तुलसी की पूजा की जाती है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन कुछ कार्यों को करना वर्जित होता है. यदि आप भूल से भी इन कार्यों को करते हैं, तो माना जाता है कि इससे जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना आपको करना पड़ सकता है.
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देवउठनी एकादशी के दिन भूलकर भी न करें ये काम
चावल का सेवन न करें: देवउठनी एकादशी के दिन चावल का सेवन करना वर्जित होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चावल खाने से आप अगले जन्म में कीड़े की योनि में जन्म लेते हैं.
तुलसी के पत्तों को न तोड़े: देवउठनी एकादशी के दिन भूलकर भी तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए. क्योंकि ये भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है और इस दिन वह स्वयं भी व्रत रखती हैं. इसलिए इन्हें नहीं तोड़ना चाहिए.
दिन में सोने से बचें: देवउठनी एकादशी के दिन दिन में सोना वर्जित होता है. जो लोग व्रत नहीं भी रख रहे हैं उन्हें इस दिन सोने से बचना चाहिए वरना आपको धन हानि हो सकती है.

