Bhishma Panchak Kaal 2025: ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार पंचक काल की अवधि बेहद खास होती है, जब चंद्रमा कुंभ या मीन राशि के अंतिम पांच नक्षत्रों धनिष्ठा नक्षत्र , शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपदा नक्षत्र, उत्तराभाद्रपदा नक्षत्र और रेवती नक्षत्र से होकर गुजरता है, तब पंचक काल शुरु होता है. हिंदू पंचांग में पंचक काल को बेहद अशुभ काल बताया गया है. लेकिन कार्तिक मास में आने वाले पंचक काल यानी भीष्म पंचक काल को शुभ और मोक्षदायी माना गया है.
आज से शुरू है पंचक
हिंदू पंचांग के अनुसार आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि सुबह 10 बजकर 04 मिनट तक रहेगी, उसके बाद दशमी तिथि का आरंभ होगा. वहीं आज चन्द्रमा प्रातः 07 बजे तक मकर राशी से उपरांत कर कुंभ राशि पर संचार करेगा. इसलिए आज से कार्तिक मास में आने वाले भीष्म पंचक काल की शुरुआत हो गई हैं. कार्तिक माह के भीष्म पंचक काल वैकुण्ठ पंचक और हरि पंचक भी कहा जाता है. ऐसे में ये कार्तिक मास के ये 5 दिन बेहद शुभ रहने वाले हैं. इन दिनों में किए गए उपवास, पूजा-अर्चना, जल अर्पित से व्यक्ति के जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.
महाभारत से जुड़ा है पंचक काल का महत्व
एक बार महाभारत के भीष्म पितामह ने अपनी इच्छा मृत्यु का व्रत निभाते हुए सूर्य के उत्तरायण होने की प्रतीक्षा की थी. कार्तिक मास की एकादशी तिथि से पूर्णिमा तक इन पांच दिनों में उन्होंने पांडवों को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष पर ज्ञान दिया. साथ ही भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान किया था. इसलिए भगवान कृष्ण ने इन पांच दिनों को भीष्म पंचक कहकर मंगलकारी बताया था. इसलिए जब अगर एकादशी तिथि के आसपास पंचक काल शुरू होता है,तो भीष्म पंचक कहता हें.इन पांच दिनों में किया गया प्रत्येक पुण्यकर्म एकादशी व्रत के समान फल देता है.
5 प्रकार के पंचक काल
पंचक पांच प्रकार के होते हैं, जिनका निर्धारण दिन के आधार पर हुआ है, जैसे रोग पंचक (रविवार), राज पंचक (सोमवार), अग्नि पंचक (मंगलवार), चोर पंचक (शुक्रवार) और मृत्यु पंचक (शनिवार). इस बार महीने के अंतिम दिन 31 अक्टूबर यानी शुक्रवार को पंचक लग रहा है. शुक्रवार से शुरू होने वाले पंचक काल को चोर पंचक कहते हैं.
चोर पंचक पंचक काल में ना करें ये काम
चोर पंचक को बेहद अशुभ माना गया है. इस दौरान कुछ कामों को करने की मनाही होती है जैसे नए व्यापार या करियर और महत्वपूर्ण परियोजनाओं बनाने या करने को टालना चाहिए. दक्षिण दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए है, क्योंकि इससे विघ्न-बाधा और दुर्घटना का खतरा बढ़ सकता है. घर में छत डलवाना, पेंटिंग करवाना या किसी निर्माण संबंधी काम भी पंचक में नहीं करना चाहिए. इसके अलावा पंचक काल में चारपाई, पलंग या फर्नीचर का नया निर्माण या मरम्मत करना भी अशुभ होता है. वहीं चोर पंचक के दौरान नए कपड़े, सामान या घरेलू चीजें खरीदना भी अच्छा नहीं माना जाता हैं.
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