Bangladesh Crisis News: ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के चेयरमैन और अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान के उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि हिंसा किसी भी देश, समाज या धर्म के लिए ठीक नहीं है. यह समाज को आगे बढ़ाने के बजाय पीछे की ओर धकेलती है और अंत में अंधकार की ओर ले जाती है.
चिश्ती ने आगे कहा कि मीडिया के जरिए बांग्लादेश से जिस तरह की खबरें सामने आ रही हैं, वे बेहद चिंताजनक हैं. लोगों पर हमले किए जा रहे हैं और निर्दोष लोगों की हत्या तक कर दी गई है, जो स्वीकार्य नहीं है. ऐसी घटनाएं मानवता और सभ्यता दोनों के खिलाफ हैं.
इस्लाम इंसानियत और इंसाफ का पैगाम देता है- नसीरुद्दीन चिश्ती
साथ ही उन्होंने वहां की सरकार से अपील की है कि बांग्लादेश एक इस्लामिक मुल्क है और अगर वहां इस्लाम को मार्गदर्शक माना जाता है, तो उसकी शिक्षाओं का पूरी तरह पालन होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस्लाम साफ तौर पर इंसानियत, अमन और इंसाफ का पैगाम देता है और किसी भी मजहब या समुदाय के खिलाफ हिंसा की इजाजत नहीं देता.
सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय के साथ संख्या के आधार पर या किसी भी कारण से अत्याचार किया जाना सरासर गलत है. किसी भी सरकार की यह बुनियादी जिम्मेदारी होती है कि वह अपने देश में रहने वाले हर नागरिक को, चाहे वह किसी भी धर्म या समुदाय से ताल्लुक रखता हो, पूरी सुरक्षा और बराबरी का अधिकार दे.
नसीरुद्दीन चिश्ती ने भाईचारे के लिए बताया घातक
उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश को एक सोची-समझी साजिश के तहत भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने की कोशिशें की जा रही हैं, जो पूरे क्षेत्र की शांति, स्थिरता और भाईचारे के लिए घातक साबित हो सकती हैं.
चिश्ती ने कहा कि मौजूदा हालात में बांग्लादेश की सरकार को सख्ती से स्थिति पर काबू पाना चाहिए और हिंसा को किसी भी स्तर पर बढ़ने से रोकना चाहिए, ताकि अमन, इंसाफ और इंसानियत कायम रह सके.
बता दें कि सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती लगातार पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से लिए गए अहम फैसलों और अलग-अलग मामलों पर अपनी प्रतिक्रिया देते रहते हैं. उनका यह बयान हाल ही में बांग्लादेश में दो हिंदुओं की हत्या के बाद आया है.

