जानें हार्ट अटैक का क्या है ‘साइलेंट प्लाक’ कनेक्शन? क्यों सिर्फ कोलेस्ट्रॉल घटाना दिल की सुरक्षा की नहीं है गारंटी

कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की रिपोर्ट में "नॉर्मल" (Normal) ज्यादातर झूठी सुरक्षा देने का दावा किया जाता है. विशेषज्ञों (Experts) के मुताबिक, कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) स्तर राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुसार सामान्य सीमा के अंदर ही होता है.

Published by DARSHNA DEEP

Normal Cholesterol, Still at Risk?:  हृदय स्वास्थ्य का मतलब सिर्फ “लो कोलेस्ट्रॉल” नहीं होता है, जानकारी के मुताबिक, ज्यादा सामान्य रिपोर्ट के बावजूद सूजन, इंसुलिन रेजिस्टेंस में  “साइलेंट प्लाक” का खतरा बनने का सबसे बड़ा चान्स है. तो वहीं, दिल के दौरे से बचने के लिए अब विशेषज्ञ केवल लिपिड प्रोफाइल नहीं, बल्कि ApoB, hs-CRP और Lp(a) जैसे टेस्ट और तनाव-नींद प्रबंधन पर खास तौर से जोर देने की कोशिश में जुटी हुए हैं. ऐसा माना जाता है कि, कोलेस्ट्रॉल की रिपोर्ट में “नॉर्मल” (Normal) शब्द अक्सर एक झूठी सुरक्षा की भावना देने का अच्छी तरह से काम करता है. तो वहीं, दूसरी तरफ विशेषज्ञों का मानना है कि  लगभग 75 प्रतिशत लोग जिन्हें हार्ट अटैक आता है, उनका एलडीएल (LDL) कोलेस्ट्रॉल स्तर राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के मुताबिक सामान्य सीमा के अंदर ही होता है. हृदय स्वास्थ्य के छिपे हुए खतरों और एलडीएल (LDL) से आगे की तस्वीर को समझने के लिए विशेषज्ञों द्वारा मुख्य बातें नीचे विस्तार से बताई गी है. 

1. एलडीएल (LDL) सुरक्षा की क्यों नहीं है गारंटी ?

दरअसल, सिर्फ एलडीएल की मात्रा ज्यादा मायने नहीं रखती है, बल्कि उसके कणों की संख्या (ApoB) और आकार सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और यहीं मायने रखता है. अगर एलडीएल के कण छोटे और घने हैं, तो वे आसानी से धमनियों की दीवारों में घुसकर प्लाक जमा करने का काम तेजी से कर सकते हैं, भले ही उनकी मात्रा कम ही क्यों न हो. इसके साथ ही ApoB टेस्ट के विशेषज्ञ अब ApoB टेस्ट की सलाह देते हैं, जो रक्त में उन सभी कणों को गिनता है जो प्लाक (Plaque) बनाने की ताकत रखते हैं. 

2. “साइलेंट प्लाक” (Silent Plaque) का खतरा

जानकारी के मुताबकि, कई बार धमनियों में प्लाक जमा होता है लेकिन वह रक्त के प्रवाह को पूरी तरह से बाधित नहीं करता (Non-obstructive plaque) है. दरअसल, यह किसी भी टेस्ट में तब तक नहीं आता जब तक कि वह अचानक फट (Rupture) न जाए. तो वहीं, जब यह नरम प्लाक फटने लगता है, तो शरीर वहां खून का थक्का (Clot) बनाना शुरू कर देता है. जिससे अचानक हार्ट अटैक आता है. इस केस में या तो ज्यादातक इंसान की मृ्त्यु हो जाती है, या फिर सही समय पर CPR देने से इंसान की जान को बचाया भी सकता है. 

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3. सूजन (Inflammation) ही है असली अपराधी?

कोलेस्ट्रॉल केवल ईंटों की तरह है, लेकिन सूजन (Inflammation) वह सीमेंट है जो उन्हें धमनियों की दीवार पर चिपकाने का काम करती है. hs-CRP टेस्ट हमारे शरीर में सूजन के स्तर को मापने का काम करता है. इसके अलावा ज्यादा सूजन होने पर सामान्य कोलेस्ट्रॉल वाले व्यक्ति को भी दिल का दौरा पड़ने का खतरा उतना ही होता है जितना कि उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले को.

4. अन्य छिपे हुए कारक (Hidden Factors)

विशेषज्ञ इन्हें साइलेंट किलर” मानते हैं.  इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance) भले ही आपको डायबिटीज न हो, लेकिन अगर आपका शरीर ही इंसुलिन का सही तरीके से इस्तेमल नहीं कर पा रहा है, तो यह धमनियों की लाइनिंग को पूरी तरह से नुकसान भी पहुंचाने का काम करता है. अगर आप 8 घंटें की सही नींद नहीं ले रहे हैं तो कोर्टिसोल (Cortisol) हार्मोन बढ़ाने का काम तेजी से करने लगता है, जिससे सूजन बढ़ जाता है. 

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