Incense Smoke Health Risks: हमारे देश में पूजा-पाठ का खास महत्व है. हर सुबह घरों में भगवान की आराधना के साथ-साथ अगरबत्ती या धूप जलाना आम बात है. इसकी खुशबू से माहौल शांत और पॉजिटिव लगता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि रोजाना अगरबत्ती जलाने की ये आदत आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती है? एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगरबत्ती से निकलने वाला धुआं सिगरेट के धुएं जितना ही नहीं, बल्कि कई बार उससे भी ज्यादा नुकसानदायक हो सकता है.
अगरबत्ती का धुआं क्यों है खतरनाक?
दरअसल, अगरबत्ती जलने पर हवा में PM 2.5, PM 10 और VOCs (वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड्स) जैसे हानिकारक कण फैल जाते हैं. ये बेहद छोटे कण सांस के जरिए फेफड़ों में पहुंच जाते हैं और वहां जमा होकर सूजन, एलर्जी और सांस की दिक्कतें बढ़ाते हैं.
अगरबत्ती का धुआं करता है ये काम
अगर कमरे में हवा का आने-जाने का रास्ता बंद हो, तो ये धुआं लंबे समय तक घर के अंदर ही बना रहता है. एक इंटरनेशनल रिसर्च के अनुसार, रोजाना अगरबत्ती जलाने से घर के अंदर का PM 2.5 स्तर सुरक्षित सीमा से कई गुना ज्यादा हो सकता है. लंबे समय तक ऐसा होने पर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, COPD (क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) और यहां तक कि फेफड़ों के कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है.
शरीर के किन हिस्सों पर पड़ता है असर?
अगरबत्ती के धुएं का असर सिर्फ फेफड़ों पर ही नहीं, बल्कि आंख, नाक और गले पर भी पड़ता है.
• इससे जलन, खुजली, खांसी और साइनस की समस्या बढ़ सकती है.
• लंबे समय में यह एल्विओलाई (फेफड़ों के छोटे हिस्से) को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है.
• एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अगरबत्ती के धुएं में बेंजीन, फॉर्मल्डिहाइड और पीएम 2.5 जैसे केमिकल होते हैं- ये वही तत्व हैं जो सिगरेट में पाए जाते हैं, और फेफड़ों व ब्लड सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं.
कैसे करें बचाव?
अगर आप अगरबत्ती जलाते हैं, तो कमरे की खिड़कियां और दरवाजे खुले रखें, ताकि धुआं बाहर जा सके. पंखा ऑन रखें, ताकि हवा का सर्कुलेशन बना रहे. बेहतर होगा कि आप अगरबत्ती की जगह देसी घी का दीपक या नेचुरल एसेंशियल ऑयल डिफ्यूजर इस्तेमाल करें- इससे खुशबू भी बनी रहेगी और सेहत भी सुरक्षित रहेगी.

