Home > लाइफस्टाइल > पेट में फोड़ा बन सकती है आपकी ये गलती, शरीर के अंदर के ऑर्गन फटने से पहले पहचान लें ये लक्षण, जानें कौन सी है बिमारी

पेट में फोड़ा बन सकती है आपकी ये गलती, शरीर के अंदर के ऑर्गन फटने से पहले पहचान लें ये लक्षण, जानें कौन सी है बिमारी

मॉडर्न लाइफस्टाइल में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों की खतरा काफी बढ़ गया है। आप जानते है कि ब्लड ग्रूप पेट के कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है।

By: Preeti Rajput | Published: July 7, 2025 11:45:48 AM IST



Stomach Cancer: आजकल की मॉडर्न लाइफस्टाइल में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों की चपेट में आसानी से लोग आते जा रहे हैं। इसी कारण लोग अपनी जिंदगी को लेकर काफी अलर्ट रहते हैं। लेकिन फिर भी लोगों की उनकी लाइफस्टाइल के कारण कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। क्या आप जानते है कि  ब्लड टाइप की वजह से ही पेट का कैंसर होने खतरा बढ़ जाता है? 

पेट का कैंसर और ब्लड ग्रुप का कनेक्शन 

दरअसल, बिना किसी वजह लोग ब्लड ग्रुप काफी कम चेक कराते हैं। वैसे तो हर किसी को ब्लड ग्रुप उसके पैरेंट्स से विरासत में मिलता है। ज्यादातर लोग ब्लड ग्रुप ए, बी, एबी या ओ के दायरे में ही आते हैं। ये अक्षर आपकी रेड ब्लड सेल्स की सतह पर शुगर और प्रोटीन के कॉम्बिनेशन के बारे में बताते हैं। इनका संबंध एंटीबॉडीज से भी होता है, जो ब्लड प्लाज्मा में मौजूद होती हैं। बता दें कि आपके ब्लड ग्रुप से ही बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। 
2019 के दौरान पब्लिश बीएमसी कैंसर की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिन लोगों का बल्ड ग्रुप ए या एबी होता है, उन्हें पेट का कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है।
 

जानें लिस्ट में कौन है शामिल!

स्टडी में बताया गया कि बाकि ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में ए ब्लड ग्रुप के लोगों को पेट के कैंसर का खतरा 13 पर्सेंट ज्यादा होता है। वहीं एबी ब्लड ग्रुप वाले लोगों में यह खतरा 18 पर्सेंट तक का खतरा होता है। रिसर्च में 40 अन्य स्टडी के रिजल्ट्स भी चेक किए, जिनमें एक जैसा पैटर्न देखने को मिला है। हालांकि स्टडी में यह नहीं कहा गया कि ब्लड ग्रुप ए या एबी होने से सीधे तौर पर कैंसर हो सकता है। बता दें कि ए ब्लड ग्रुप वाले लोगों को हेलिकोबैक्टर पाइलोरी से इंफेक्टेड होने की आशंका ज्यादा होती है।
Disclaimer: इनखबर इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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