Meditation Benefits: सोने से पहले सिर्फ पांच मिनट, धीरे-धीरे सांस लेना, आंखें बंद करना और दिन की भागदौड़ से थोड़ा अलग होना ये जितना सरल लगता है, उतना ही प्रभावशाली हो सकता है. न्यूरोलॉजिस्ट और स्लीप एक्सपर्ट मानते हैं कि ये छोटा सा रूटीन आपके दिमाग को रीसैट करने का एक शक्तिशाली तरीका हो सकता है और इसके लंबे समय तक असर भी बहुत जरूरी हैं.
सिर्फ 5 मिनट में बड़ा बदलाव
कई लोग सोचते हैं कि छोटी मेडिटेशन से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि दिमाग जल्दी ही प्रतिक्रिया देता है. डॉ. केनी रविश राजीव, वरिष्ठ न्यूरोलॉजी कंसल्टेंट, कहते हैं, “सोने से पहले पांच मिनट की मेडिटेशन भी काफी असरदार हो सकती है. ये दिमाग को एक्टिव और सतर्क स्थिति से शांत मोड में ले जाने में मदद करती है.”
ये सिर्फ सोचने की बात नहीं है शरीर भी तुरंत बदलाव दिखाता है. डॉ. केनी के अनुसार, ये पांच मिनट हृदय गति को धीमा कर सकते हैं, तनाव हॉर्मोन्स को कम कर सकते हैं और दिनभर की मानसिक हलचल को शांत कर सकते हैं. समय के साथ, दिमाग इस छोटे से रूटीन को रात को शांत होने से जोड़ने लगता है, जिससे मानसिक रूप से रात को आराम करना आसान हो जाता है.
नियमितता है सबसे जरूरी
स्लीप विशेषज्ञ डॉ. पुजन पारिख बताते हैं कि छोटी मेडिटेशन इसलिए काम करती है क्योंकि इसे लगातार करना आसान होता है. “अध्ययन दिखाते हैं कि नियमितता समय से ज्यादा मायने रखती है. छोटे, नियमित सत्र हफ्तों में भी बदलाव ला सकते हैं.”
नींद की गुणवत्ता कैसे बढ़ती है
दोनों विशेषज्ञ मानते हैं कि इसका असर नींद पर तुरंत और साफ होता है. उन कुछ मिनटों में दिमाग तेज और व्यस्त तरंगों से धीमी और शांत तरंगों में बदल जाता है. सांस गहरी होती है और मांसपेशियां आराम करती हैं.
डॉ. पारिख बताते हैं, “ये हृदय गति को कम करता है, ब्लड प्रेशर घटाता है और दिमाग को अल्फा वेव्स में लाता है. जो लोग सोने से पहले थोड़ा मेडिटेशन करते हैं, वे रात में कम बार जागते हैं और उनकी नींद ज्यादा तरोताजा करती है. समय के साथ, इसका असर सुबह की सतर्कता, मूड और दिन भर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता पर भी पड़ता है.
क्या इसके लिए खास तैयारी चाहिए?
बिलकुल नहीं.. डॉ. पारिख कहते हैं, फॉरमल सेटअप जरूरी नहीं है. आप लेट कर भी मेडिटेशन कर सकते हैं. शांत, अंधेरा कमरा और आरामदायक तापमान मदद करता है.
पांच मिनट, कोई उपकरण नहीं, कोई ऐप नहीं, कोई सख्त मुद्रा नहीं इतना आसान होने की वजह से यह रूटीन असरदार है.

