Jharkhand DGP: राज्य सरकार ने झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. उनकी जगह 1994 बैच की झारखंड कैडर की आईपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा को नया कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है. झारखंड में यह पहली बार है जब किसी महिला आईपीएस अधिकारी को पुलिस विभाग के सर्वोच्च पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है. बताया जा रहा है की इससे पहले, वो गृह विभाग में विशेष सचिव के पद पर कार्यरत थीं. राज्य सरकार ने उन्हें तत्काल प्रभाव से कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त करने का आदेश जारी किया है. इसके अलावा, पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता को 6 नवंबर, 2025 से सेवानिवृत्त माना जाएगा और सेवानिवृत्ति के बाद के सभी अधिकारों और लाभों के संबंध में आदेश जारी किया गया है.
अनुराग गुप्ता का इस्तीफा
मंगलवार रात झारखंड कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता ने डीजीपी पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. गुप्ता को 2022 में डीजी रैंक पर पदोन्नत किया गया था. इसके बाद उन्हें 26 जुलाई, 2024 को पहली बार झारखंड का कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया. लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें पद से हटा दिया गया था, लेकिन 28 नवंबर, 2024 को उन्हें फिर से डीजीपी नियुक्त किया गया. इसके बाद उन्हें 3 फ़रवरी, 2025 को नियमित डीजीपी नियुक्त किया गया. उनका कार्यकाल फ़रवरी 2027 तक चलने वाला था. लेकिन, 22 अप्रैल, 2025 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव को एक पत्र भेजा, जिसमें कहा गया कि डीजीपी के रूप में अनुराग गुप्ता की नियुक्ति “नियमों के अनुसार नहीं” थी.
हेमंत सोरेन पर लगे आरोप
वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले, बाबूलाल मरांडी ने भी IPS अधिकारी अनुराग की नियुक्ति पर कई सवाल खड़े किए थे. उन्होंने तर्क दिया था कि यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन है. डीजीपी की नियुक्ति संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा अनुशंसित पैनल से की जानी थी. फिर भी, हेमंत सोरेन की सरकार ने यूपीएससी को दरकिनार करते हुए अपनी इच्छा से अनुराग गुप्ता को डीजीपी नियुक्त कर दिया. अनुराग गुप्ता का नाम यूपीएससी द्वारा अनुशंसित नामों की सूची में नहीं था.
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