मनीष मेहता की रिपोर्ट, Jharkhand News: झारखंड की राजनीति में एक बार फिर बड़ा धमाका हुआ है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने बोकारो के DMFT (जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट) घोटाले को लेकर हेमंत सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक आर्थिक घोटाला नहीं, बल्कि सत्ता और अफसरशाही की मिलीभगत का जीता-जागता उदाहरण है। मरांडी ने प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
“खनिज राजस्व की लूट”
उन्होंने आरोप लगाया कि “DMFT घोटाले में छोटे अधिकारियों से लेकर मंत्री और खुद मुख्यमंत्री तक की मिलीभगत है। जब तक इस मामले की जांच सीबीआई से नहीं होगी, तब तक सच सामने नहीं आ पाएगा। सरकार की नीयत साफ नहीं है, इसलिए SIT या राज्य एजेंसियों से जांच महज एक दिखावा है।”मरांडी ने कहा कि जिस फंड का इस्तेमाल खनन प्रभावित इलाकों के विकास और गरीबों की बेहतरी के लिए होना चाहिए था, उसी फंड को लूटने का खेल चल रहा है। DMFT की राशि से आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में अस्पताल, स्कूल, सड़क और पानी की व्यवस्था होनी थी, लेकिन करोड़ों रुपये बंदरबांट कर दिए गए।
सीएम पर सीधा हमला
मरांडी ने हेमंत सरकार को घोटालेबाजों की संरक्षक बताते हुए कहा कि जब सरकार के शीर्ष पद पर बैठे लोग ही भ्रष्टाचार में शामिल होंगे, तो नीचे तक गड़बड़ी होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस मुद्दे को सड़क से सदन तक उठाएगी और दोषियों को बचने नहीं देगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि केवल सीबीआई जांच ही पूरे मामले की सच्चाई उजागर कर सकती है। उन्होंने कहा कि जनता के पैसों की लूट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भाजपा इस घोटाले की परत दर परत खोलने के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ेगी।
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