Himachal Pradesh Landslides: हिमाचल प्रदेश में लगातार भारी बारिश हो रही है। 249 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हैं, जिनमें से 207 मंडी जिले में हैं। ये सड़कें भूस्खलन से सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं। स्थानीय अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भारी बारिश के कारण मंडी से धर्मपुर (के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-3 (अटारी-लेह) को भारी वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है। शुक्रवार देर रात मंडी में पंडोह बांध के पास काची मोड़ पर भूस्खलन के कारण चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग के मंडी-कुल्लू खंड को करीब 10 घंटे तक बंद करना पड़ा। इसके बाद वाहनों को कटोला-कमंद वैकल्पिक मार्ग से भेजा गया। जिससे इस मार्ग पर यातायात धीमा हो गया है और वाहनों की कतार लग गई।
टीवी 9 की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि पहाड़ी से सड़क पर मलबा और पत्थर गिरने के कारण यातायात रोकना पड़ा, जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। बाद में मलबा हटाकर करीब 10 घंटे बाद सड़क के एक तरफ यातायात बहाल किया गया। राज्य में 20 जून को मानसून के आगमन के बाद से अब तक लगभग 751 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, बारिश और बाढ़ के कारण राज्य में 463 बिजली ट्रांसफार्मर और 781 जलापूर्ति योजनाएँ बाधित हुई हैं।
कई जिलों में भारी बारिश
11 जुलाई की शाम से राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। मुरारी देवी में सबसे अधिक 126 मिमी बारिश दर्ज की गई है। राज्य के विभिन्न इलाकों में भारी बारिश से लोग परेशान हैं। भूस्खलन के कारण सड़कें बंद होने से स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पंडोह में 79 मिमी, स्लेपर में 67.7 मिमी, कोठी में 60.4 मिमी, मंडी में 53.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है। वहीं, जोगिंदरनगर में 53 मिमी, भुंतर में 47.6 मिमी, भराड़ी में 40 मिमी, नेरी में 34 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
स्थानीय मौसम विभाग ने 10 जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश को लेकर 18 जुलाई तक ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। मानसून की शुरुआत के बाद से, राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं में 56 और सड़क दुर्घटनाओं में 36 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 172 लोग घायल हुए हैं और 33 लोग लापता हैं।
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उत्तराखंड के कई जिलों में अलर्ट
मौसम विभाग ने उत्तराखंड के कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। उधमसिंह नगर, बागेश्वर, पौड़ी, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इन जिलों में गरज और बिजली गिरने का भी अनुमान है।
बारिश के बाद भूस्खलन के बढ़ते खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है। हाल के दिनों में भूस्खलन के कारण स्कूलों में छुट्टियां, यात्रा पर प्रतिबंध और सड़कें बंद होने जैसी स्थितियाँ कई बार सामने आई हैं। लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने और भूस्खलन संभावित स्थानों, खासकर पहाड़ी इलाकों से दूरी बनाए रखने की अपील की गई है।

