Vande Bharat Sleeper train: भारतीय रेलवे ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के दूसरे रेक का सफलतापूर्वक परीक्षण पूरा कर लिया है. ये ट्रेन भारत में लंबी दूरी की रेल यात्रा को और ज्यादा आरामदायक और तेज बनाने की दिशा में एक जरूरी कदम है. इस नए स्लीपर ट्रेन को बीईएमएल ने आईसीएफ तकनीक का उपयोग करके विकसित किया है. ये अर्ध-उच्च स्पीड वाली ट्रेन है और इसके आने से यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा में नई सुविधा मिलेगी.
ट्रायल रन और परीक्षण
दूसरे वंदे भारत स्लीपर रेक के ट्रायल के दौरान, रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (RDSO) ने डिटेल ऑस्सीलेशन टेस्ट और इमरजेंसी ब्रेकिंग दूरी (EBD) परीक्षण किए. ये परीक्षण तीन रेलवे क्षेत्रों में किए गए – नॉर्थ सेंट्रल रेलवे, वेस्ट सेंट्रल रेलवे और वेस्टर्न रेलवे.
एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने पुष्टि की कि RDSO ने दूसरे वंदे भारत स्लीपर रेक का ट्रायल पूरी तरह से पूरा कर लिया है. परीक्षणों में ट्रेन की स्पीड, ब्रेकिंग क्षमता, स्थिरता और तकनीकी प्रणाली की विश्वसनीयता की जांच की गई.
तकनीकी दक्षता और सुधार
परीक्षण के दौरान ट्रेन की अधिकतम स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटे रही. RDSO ने इस दौरान तकनीकी दक्षता, ब्रेकिंग क्षमता, कंपन्न और मैकेनिकल व इलेक्ट्रिकल सिस्टम की विश्वसनीयता को जांचा. परीक्षण महोबा-खजुराहो (नॉर्थ सेंट्रल रेलवे) से शुरू होकर, सवाई माधोपुर-कोटा-नगड़ा (वेस्ट सेंट्रल रेलवे) तक और अंत में अहमदाबाद-मुंबई (वेस्टर्न रेलवे) मार्ग पर समाप्त हुआ.
परीक्षण के बाद, ट्रेन को बीईएमएल को वापस भेजा जाएगा ताकि परीक्षण के दौरान मिले सुधार और तकनीकी बदलाव किए जा सकें. इसके बाद इसे रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार आगे की प्रक्रिया के लिए भेजा जाएगा.
भविष्य की तैयारी
अब चूंकि ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा हो गया है, रेलवे का ध्यान ट्रेन के औपचारिक लॉन्च और स्वीकृति की ओर है. ये ट्रेन लंबी दूरी की यात्राओं को तेज और आरामदायक बनाने में मदद करेगी. इसके साथ ही, भारतीय रेलवे द्वारा विकसित नई तकनीकों का भी परीक्षण और उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा.
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की सफलता से ये संकेत मिलता है कि भारत में रेल यात्री अब लंबे सफर में अधिक सुविधा और कम समय में यात्रा कर सकेंगे. आने वाले समय में इसे विभिन्न मार्गों पर चलाने की योजना है, जिससे यात्रियों के लिए नई उम्मीदें और अवसर पैदा होंगे.

