दुनिया की 5 ऐसी जगहें, जहाँ से लौटना है असंभव, भारत की भी एक जगह शामिल
दुनिया में बहुत सी जगहें रोमांच और रहस्यों से भरी हुई हैं। कुछ जगहें इतनी खतरनाक हैं कि वहाँ से लौट पाना नामुमकिन माना जाता है। इन स्थानों के पीछे कभी-कभी रहस्यमयी कारण होते हैं। आइए जानते हैं दुनिया की ऐसी 5 जगहों के बारे में, जिनमें से एक भारत में भी है।
1. डेथ वैली, अमेरिका
अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित डेथ वैली दुनिया के सबसे गर्म स्थानों में से एक है। गर्मियों में यहाँ का तापमान 56 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर पहुँच जाता है। पानी की कमी और तेज़ धूप के कारण यहाँ लंबे समय तक रहना या सफर करना बेहद खतरनाक है। इतिहास में कई यात्री यहाँ फँस कर कभी वापस नहीं लौट पाए। इसी कारण इसका नाम “डेथ वैली” पड़ा।
2. माउंट एवरेस्ट, नेपाल-तिब्बत सीमा
दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट यात्रियों का सपना होती है, लेकिन यह सपना पूरा करना आसान नहीं। यहाँ की ऊँचाई, बेहद ठंड, ऑक्सीजन की कमी और अचानक बदलता मौसम कई लोगो के लिए जानलेवा साबित हुआ है। अब तक 300 से अधिक लोग यहाँ चढ़ाई के दौरान जान गंवा चुके हैं और उनमें से कई के शव आज भी बर्फ में जमे हुए हैं। एवरेस्ट पर चढ़ने निकले हर यात्री के लिए लौटना निश्चित नहीं होता।
3. अमेज़न रेनफॉरेस्ट, दक्षिण अमेरिका
अमेज़न का जंगल कई देशों में फैला है । यहाँ की घनी झाड़ियाँ, खतरनाक जानवर, ज़हरीले कीड़े-मकौड़े इसे बेहद खतरनाक बनाती हैं। इसके अलावा, घने जंगल में रास्ता खो जाना आम बात है। यहाँ कई खोजी और यात्री गए लेकिन वे कभी वापस नहीं लौट पाए।
4. बर्मूडा ट्रायंगल, अटलांटिक महासागर
बर्मूडा ट्रायंगल एक रहस्यमयी समुद्री जगह है जो मियामी, बर्मूडा और प्यूर्टो रिको के बीच है। कहा जाता है कि यहाँ से गुजरने वाले कई जहाज और विमान बिना किसी निशान के गायब हो गए। वैज्ञानिकों ने इसके पीछे कई कारण बताए हैं, जैसे समुद्री तूफान, या तकनीकी खराबी। लेकिन आज तक इसका सही कारण साबित नहीं हो पाया। यही वजह है कि इसे “डेविल्स ट्रायंगल” भी कहा जाता है और यहाँ से लौटना कई बार नामुमकिन हो जाता है।
5. रूपकुंड झील, उत्तराखंड, भारत
भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित रूपकुंड झील को “स्केलेटन लेक” भी कहा जाता है। समुद्र तल से लगभग 5,029 मीटर की ऊँचाई पर यह झील साल के ज्यादातर समय बर्फ से ढकी रहती है। यहाँ 1942 में बर्फ पिघलने पर सैकड़ों इंसानों के कंकाल मिले थे। माना जाता है कि ये लोग अचानक आई बर्फीली आंधी में मारे गए थे। आज भी यहाँ का मौसम पल-पल बदलता है और रास्ता बेहद कठिन है। गलत समय पर ट्रैकिंग करने पर वापस लौटना मुश्किल हो सकता है।

