Haryana News: हरियाणा सरकार ने गिरते लिंगानुपात को लेकर नायब सैनी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। वहीँ अब राज्य में जिन दम्पतियों की पहले से एक बेटी है और वो इन विट्रो फर्टिलाइजेशन के जरिए दूसरा बच्चा चाहते हैं, उन्हें पहले सरकार से इजाजत लेनी होगी। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने चंडीगढ़ में इस संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की उसके बाद आदेश जारी किए। जानकारी के मुआबिक, आईवीएफ के जरिए बच्चा पैदा करने के लिए लोगों को सबसे पहले जिला समुचित प्राधिकरण (डीएए) के समक्ष आवेदन करना होगा। इसमें उन्हें अपने बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र, गर्भपात या प्रसव से संबंधित दस्तावेज और कारण बताना होगा।
सरकार से लेनी होगी परमिशन
आपकी जानकारी के लिए बता दें, राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ) की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य मंत्री आरती राव भी मौजूद थीं। गौरतलब है कि हरियाणा में जन्म के समय लिंगानुपात 2023 में 916 से घटकर 2024 में 910 रह गया है, जिससे चिंताएँ और बढ़ गई हैं। सरकार ने अब अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए सरकारी अस्पताल में पंजीकरण कराने का आदेश दिया है और एक नंबर जारी होने के बाद ही गर्भवती महिला को अल्ट्रासाउंड करवाने की अनुमति दी जाती है।
इन महिलाओं पर लागू होगा नियम
सरकार ने कहा कि यह नियम उन दम्पतियों पर लागू होगा जिनकी एक या एक से अधिक बेटियाँ हैं या जिनके एक बेटा और एक बेटी है। इस निर्णय का उद्देश्य आईवीएफ तकनीक के माध्यम से लिंग परीक्षण की प्रवृत्ति पर रोक लगाना है। जिले के उपायुक्त और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को आईवीएफ केंद्रों की गतिविधियों की निगरानी और आवेदनों की जाँच करने का अधिकार दिया गया है। आदेश का उल्लंघन करने वाले आईवीएफ क्लीनिकों पर गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (पीसीपीएनडीटी) के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें लाइसेंस रद्द करना, जुर्माना और आपराधिक मामला दर्ज करना शामिल है।

