Bihar Politics: बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे हैं। पटना में व्यवसायी विक्रम झा की हत्या के बाद तेजस्वी और भी ज़्यादा आलोचना कर रहे हैं। हालाँकि, इंडिया ब्लॉक की एक बैठक में तेजस्वी ने महागठबंधन के नेताओं से नीतीश कुमार पर ज़्यादा तीखे हमले न करने को कहा है। वह चाहते हैं कि मुख्य रूप से भाजपा नेताओं को निशाना बनाया जाए। माना जा रहा है कि तेजस्वी शायद नीतीश कुमार की महागठबंधन में वापसी की उम्मीद कर रहे हैं।
सीएम नीतीश को ‘बेहोश मुख्यमंत्री’ बताया
दरअसल, हाल ही में पटना में एक व्यवसायी विक्रम झा को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को ‘बेहोश मुख्यमंत्री’ बताया। उन्होंने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा कि पटना में व्यवसायी विक्रम झा की गोली मारकर हत्या! डीके टैक्स ट्रांसफर उद्योग राज्य में अराजक स्थिति का मुख्य कारण है…बेहोश मुख्यमंत्री चुप क्यों हैं? हर दिन हो रही सैकड़ों हत्याओं का ज़िम्मेदार कौन है? भ्रष्ट भूजा पार्टी जवाब दे।
सीएम नीतीश पर अब कोई सीधा हमला नहीं
दरअसल, तेजस्वी यादव पहले नीतीश कुमार पर सीधा हमला कर रहे थे। लेकिन अब उनका रुख बदल गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेजस्वी यादव नहीं चाहते कि महागठबंधन का कोई भी नेता नीतीश कुमार के साथ वैसा व्यवहार ना करे जैसा भाजपा के साथ किया जाता है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तेजस्वी यादव ने इंडिया ब्लॉक के नेताओं से नीतीश कुमार के प्रति नरम रुख अपनाने का अनुरोध किया है। वह चाहते हैं कि भाजपा नेताओं को ज़्यादा निशाना बनाया जाए।
नीतीश अब भी अति पिछड़ा वर्ग के एक बड़े वोट बैंक
राजनीतिक पंडितों की मानें तो नीतीश कुमार अब भी अति पिछड़ा वर्ग के एक बड़े वोट बैंक के नेता हैं। बिहार की 36% से ज़्यादा आबादी इसी वोट बैंक से है। महागठबंधन के नेताओं का मानना है कि नीतीश कुमार पर निशाना साधने से इंडिया ब्लॉक को ज़्यादा फ़ायदा नहीं होगा। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि नीतीश कुमार का स्वास्थ्य भी एक वजह हो सकता है। हालाँकि, तेजस्वी यादव द्वारा उन्हें ‘बेहोश मुख्यमंत्री’ कहना इससे मेल नहीं खाता। हालाँकि, नीतीश कुमार की सरकार के ख़िलाफ़ सत्ता विरोधी लहर भी है।
तेजस्वी के नरम रुख से अटकलों का बाजार गर्म
इसका असर 2020 के चुनावों में देखने को मिला था। ऐसे में तेजस्वी यादव का नरम रुख कुछ नई उम्मीदें जगाता है। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि अंदरखाने किसी बड़े खेल की तैयारी भी हो रही है। शायद तेजस्वी यादव को अब भी उम्मीद है कि नीतीश कुमार एक बार फिर पलटी मार सकते हैं। खैर, फिलहाल इसकी संभावना नज़र नहीं आ रही है। शायद चुनाव के बाद कुछ हो, ये कहा नहीं जा सकता। लेकिन तेजस्वी के नए रुख ने कयासों को हवा दे दी है।

