Tejashwi Yadav: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। दिल्ली रवाना होने से पूर्व उन्होंने मीडिया से बातचीत में कई मुद्दों पर केंद्र सरकार की आलोचना की, विशेषकर अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों को लेकर।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावे पर तेजस्वी का तंज
तेजस्वी यादव ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने ही भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम करवाया। इस मुद्दे पर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री इतने कमजोर हो गए हैं कि अमेरिका जैसा कहता है, वैसा ही करते हैं। ट्रंप जो भी कह रहे हैं, उस पर मोदी जी कुछ बोल ही नहीं रहे।”
तेजस्वी ने यह भी कहा कि अमेरिका द्वारा 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने से भारत को भारी नुकसान होने वाला है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “ये लोग पूरे देश को बर्बाद करने के बाद बिहार आएंगे और कहेंगे कि देखो हम विश्वगुरु बन गए। किस बात के विश्वगुरु?”
EPIC नंबर विवाद पर सफाई
पत्रकारों द्वारा डुप्लिकेट EPIC नंबर से जुड़े एक सवाल पर तेजस्वी यादव ने स्पष्ट किया कि उन्हें चुनाव आयोग से कोई सीधा नोटिस नहीं मिला है। उन्होंने कहा, “मुझे केवल पटना जिला निर्वाचन कार्यालय से एक नोटिस मिला है, और मैं उसका उचित उत्तर दूंगा। अगर एक ही व्यक्ति को दो EPIC नंबर जारी हुए हैं, तो इसमें गलती मेरी नहीं, बल्कि उसे जारी करने वाली एजेंसी की है।”
तेजस्वी ने सवाल उठाया कि क्या यह पहली बार हो रहा है कि किसी मतदाता को दो EPIC नंबर दिए गए हैं? उन्होंने दावा किया कि उन्होंने हमेशा एक ही जगह से मतदान किया है, और ऐसी त्रुटि का दोष उनके सिर पर मढ़ा जाना उचित नहीं है।
इंडिया गठबंधन की बैठक को लेकर उत्साहित
तेजस्वी यादव ने यह भी बताया कि वह इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन 2024 में मोदी सरकार को सत्ता से हटाने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी विपक्षी दल एकजुट हैं।
तेजस्वी यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में आगामी चुनावों की तैयारियाँ जोरों पर हैं और विपक्ष केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर है। अमेरिका के साथ बढ़ते टैरिफ विवाद और भारत-पाक संबंधों पर ट्रंप के बयानों को लेकर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर उठाए गए सवाल आगामी चुनावी माहौल को और गरमाने वाले हैं।

