Categories: देश

राज्यपाल के पास क्यों होते हैं सिर्फ तीन रास्ते? सुप्रीम कोर्ट ने किन बिलों पर अनिश्चित रोक को बताया असंवैधानिक

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 143 (Article 143) के तहत मांगे गए एक संदर्भ में फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्य विधासनसभाओं (State Legislative Assemblies) द्वारा पारित विधेयकों (Bills Passed) पर किस तरह से होनी चाहिए राज्यपाल (Governor) की अहम भूमिका.

Published by DARSHNA DEEP

Article 143 and Supreme Court: हाल ही में सुप्रीम मोर्ट ने राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 143 के तहत मांगे गए संदर्भ पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए यह कहा कि राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर आखिर राज्यपाल की क्या भूमिका होनी चाहिए. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के पास मौजूद विकल्पों को स्पष्ट रूप से सीमित करते हुए अनिश्चित काल बिल रोकने की प्रथा को संघीय ढांचे (Federal Structure) के खिलाफ बताया है. 

क्या है सुप्रीम कोर्ट के मुख्य निर्देश?

क्यों होते हैं तीन रास्ते?

सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, राज्यपाल के पास राज्य विधायिका से प्राप्त विधेयक पर केवल तीन ही विकल्प होते हैं. पहला सहमति देना  (Assent),  असहमति देना (Withhold Assent), राष्ट्रपति के विचार के लिए भेजना (Refer to President). राज्यपाल के पास बस यह तीन विकल्प होते हैं. 

क्या बिल वापस करना होता है जरूरी?

जानकारी के मुताबिक, अगर राज्यपाल विधेयक से असहमति जताते हैं तो उन्हें पूरा अधिकार है बिल को पुनर्विचार के लिए विधानसभा को वापस भेजना बेहद ही जरूरी माना जाता है. इसके अलावा राज्यपाल बिल को अपने पास अनिश्चितकाल तक किसी भी हाल में नहीं रोक सकते हैं. 

Related Post

क्या राज्यपाल के पास होता है चौथा विकल्प?

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी दावा करते हुए कहा कि राज्यपाल के पास कोई अलग से चौथा विकल्प नहीं है, बल्कि यह असहमति जताने की संवैधानिक प्रक्रिया का एक जरूरी हिस्सा माना जाता है. 

संघीय ढांचे का उल्लंघन करने पर कोर्ट की चेतावनी

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने यह भी चेतावनी देते हुए कहा कि असहमति जताने के बावजूद भी बिल को वापन न लौटाना देश के संघीय ढांचे और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ ही माना जाएगा. साथ ही कोर्ट ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि कई राज्यों की शिकायतों के बाद यह सामने आया है कि लौटाए गए बिलों पर राज्यपालों की भूमिका के संबंध में स्पष्ट दिशानिर्देश हमेशा के लिए स्थापित किया जाएगा. 

DARSHNA DEEP
Published by DARSHNA DEEP

Recent Posts

कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय की शादी का Video वायरल, ताज आमेर में लेंगे सात फेरे; जानें कौन हैं उनकी दुल्हन

Indresh Upadhyay Marriage: मशहूर कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय की शादी का पहला वीडियो सोशल मीडिया पर…

December 5, 2025

Breast Implant: स्तन फटने से लेकर इन्फेक्शन तक का डर! यूं ही नहीं Sherlyn Chopra ने हटवाया ब्रेस्ट इम्प्लांट, कितना है खतरनाक?

Breast Implant Side Effects: ब्रेस्ट ऑग्मेंटेशन एक सर्जरी है जिससे ब्रेस्ट का साइज़ बढ़ाया जाता…

December 5, 2025

Longest Train Journey: भारत के सबसे लंबे रेल मार्ग का करें वर्चुअल टूर, 75 घंटों में कवर करते हैं 9 राज्य

Train Journey: क्या आपने कभी ऐसी ट्रेन जर्नी के बारे में सुना है जो 75…

December 5, 2025

Dhurandhar के नेगेटिव कैंपेन पर भड़कीं यामी गौतम, कहा- राक्षस सबको काटेगा, इंडस्ट्री को दीमक…

Yami Gautam on Dhurandhar Controversy: रणवीर सिंह स्टारर खूब सारी कंट्रोवर्सी के बीच सिनेमाघरों में…

December 5, 2025