Naugam Blast: श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में देर रात हुए विस्फोट ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। इस हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई, जिनमें पुलिस और फोरेंसिक अधिकारी के साथ-साथ स्थानीय निवासी भी शामिल हैं. 57 वर्षीय दर्जी मोहम्मद शफी पारे भी मृतकों में थे, जो तीन बच्चों के पिता और परिवार में एकमात्र कमाने वाले थे. परिवार ने बताया कि उन्हें पुलिस की मदद के लिए स्टेशन बुलाया गया था, और वे रात तक अपने काम में व्यस्त थे. धमाके के बाद उनका परिवार और पूरा मोहल्ला सदमे में है.
वह रात में खाना खाने आए थे.
मोहम्मद शफी पारे के रिश्तेदारों ने बताया कि पुलिस उन्हें विस्फोटकों के अलग-अलग पैकेट सिलने के लिए पुलिस स्टेशन ले गई थी. मोहम्मद शफी पारे की बेटी ने बताया कि उनके पिता रात करीब 9 बजे खाना खाने घर आए थे. बहुत ठंड थी, इसलिए उन्होंने अपने पिता से उस समय न जाने को कहा. लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें अपना काम खत्म करने के लिए पुलिस स्टेशन वापस जाना है. उन्होंने कहा कि वह काम खत्म करके जल्द ही वापस आ जाएँगे.
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धमाका सुनकर परिवार भागा
परिवार को अंदाज़ा नहीं था कि वे उन्हें फिर कभी नहीं देख पाएँगे. मोहम्मद शफी पारे की बेटी ने कहा, “फिर रात में हमने एक धमाका सुना. हम पुलिस स्टेशन भागे. पूरा पुलिस स्टेशन मलबे में तब्दील हो गया था, शव क्षत-विक्षत थे. उन्होंने घंटों उनकी तलाश की और आखिरकार अस्पताल के एक कोने में उनका शव मिला.”
तीन बच्चों वाला परिवार, एकमात्र कमाने वाला
शुरू में, परिवार ने उसकी पत्नी और बेटी को इस खबर से दूर रखा क्योंकि वे इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते थे. पारे के तीन बच्चे हैं और वह परिवार का एकमात्र कमाने वाला था. एक अन्य रिश्तेदार, तारिक अहमद शाह ने कहा कि अगर पारे पुलिस बल में होता, तो उसके परिवार को अपनी कमाई की चिंता नहीं करनी पड़ती. शाह ने कहा, “मेरा एक सवाल है. जब पुलिस में प्लंबर और अन्य सेवा वर्ग के लोग हैं, तो एक दर्जी क्यों नहीं? वह पुलिस की मदद करने गया था. हम सरकार से क्या मदद की उम्मीद कर सकते हैं?”
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