Lal Quila Blast: देश की राजधानी में लाल किले के बाहर हुए धमाके के लगभग तीन हफ़्ते बाद, जांच करने वालों ने फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी की जांच तेज़ कर दी हैं. जांच से जुड़े अधिकारियों ने मीडिया को इस बात की जानकारी दी है कि करीब 30 डॉक्टरों समेत 48 स्टाफ़ मेंबर से पूछताछ की गई है, ऐसा इसलिए क्योंकि एजेंसियां धमाके से पहले के दिनों में लाल किले पर हमला करने वाले उमर नबी की हरकतों और बातचीत को फिर से समझने के प्रयासों में जुट गई है.
इन डॉक्टरों की हुई गिरफ्तारी
वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नबी के अलावा, अब पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद टेरर मॉड्यूल के दो और सदस्य – पहलगाम के रहने वाले डॉ. मुज़म्मिल गनई और लखनऊ के रहने वाले डॉ. शाहीन शाहिद अंसारी – अल फलाह में काम कर रहे थे. मॉड्यूल के दूसरे सदस्य, जिन्हें भी गिरफ्तार किया गया है, वे हैं डॉ. अदील राथर, जो सहारनपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में काम करते थे, और कश्मीर के मौलवी मुफ्ती इरफान वागे.
दिल्ली तक पहुंची जांच
जानकारी के मुताबिक बुधवार को, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने अल फलाह यूनिवर्सिटी में काम करने वाले एक वार्ड बॉय, जिसकी पहचान सोयब के तौर पर हुई है, उसको हमले से पहले उमर को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने के आरोप में गिरफ्तार किया. साथ ही, जांच कैंपस से बाहर भी फैल गई है. ऊंचे पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, सिक्योरिटी एजेंसियों ने दिल्ली भर के प्राइवेट अस्पतालों को उन डॉक्टरों की पहचान वाले रिकॉर्ड देने को कहा है जिन्होंने बांग्लादेश, यूनाइटेड अरब अमीरात, चीन या पाकिस्तान से MBBS की डिग्री ली है और अभी शहर में प्रैक्टिस कर रहे हैं.
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