Rahul Gandhi press conference vote deletion hydrogen bomb: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने गुरुवार को भारत के चुनाव आयोग पर एक बार फिर तीखा हमला किया और मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) पर “वोट चोरों को संरक्षण देने” का आरोप लगाया.
नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में एक विशेष संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वोटों के नाम काटे जाने के आरोपों को पुष्ट करने के लिए कुछ सबूत पेश किए.
उन्होंने कहा “मैं आपको साफ़-साफ़ सबूत दिखाऊंगा कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त उन लोगों को बचा रहे हैं जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र को खत्म किया है. मैं आपको यह भी दिखाऊंगा कि यह कैसे किया जाता है.” गांधी ने कहा कि वह लोकसभा में विपक्ष के नेता होने के नाते अपनी ज़िम्मेदारी को समझते हुए यह बयान दे रहे हैं.
चुनाव आयोग के अंदर से मिल रही है मदद-राहुल गांधी
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि उन्हें चुनाव आयोग के अंदर से मदद मिल रही है. उन्होंने कहा हमें चुनाव आयोग के अंदर से मदद मिलनी शुरू हो गई है. मैं स्पष्ट कर रहा हूं कि अब हमें चुनाव आयोग के अंदर से जानकारी मिल रही है और यह सिलसिला रुकने वाला नहीं है.
विपक्ष को वोट देने वालों को बनाया गया निशाना
गांधी ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ सालों में अलग-अलग चुनावों में “कुछ ताकतें” वोट काटकर पूरे भारत में लाखों मतदाताओं को व्यवस्थित रूप से निशाना बना रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष को वोट देने वाले दलितों, अल्पसंख्यकों, अन्य पिछड़ा वर्गों और आदिवासियों सहित समुदायों के वोटों को ख़ास तौर पर निशाना बनाया गया.
Karnataka constituency में बड़े पैमाने पर डिलीट किए गए वोट
Rahul Gandhi ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के गढ़ कर्नाटक के अलंद निर्वाचन क्षेत्र (Aland constituency) में 6000 से ज़्यादा वोट ऐसे मतदाताओं के नाम से काटे गए जिन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी. गांधी ने कहा किसी ने 6018 वोटों को हटाने की कोशिश की. हमें नहीं पता कि 2023 के चुनाव में अलंद में कुल कितने वोट काटे गए. ये संख्या 6,018 से कहीं ज़्यादा है. उन्होने कहा कि बस इतनी बात हुई कि इन 6,018 वोटों को डिलीट करते समय गलती से मामला पकड़ में आ गया.
उन्होंने कहा कि बूथ अधिकारी ने देखा कि उनके चाचा का वोट हटा दिया गया है, इसलिए उन्होंने जांच की कि उनके चाचा का वोट किसने हटाया और उन्हें पता चला कि वोट हटाने वाला उनका पड़ोसी था. उन्होंने अपने पड़ोसी से पूछा लेकिन पड़ोसी को इसकी जानकारी नहीं थी. यानी न तो जिस व्यक्ति ने वोट डिलीट किया और न ही जिसका वोट डिलीट हुआ, दोनों को इस बारे में कुछ पता था. किसी और ने इस प्रक्रिया को हाईजैक कर लिया और वोट हटा दिया.
गांधी ने उस वोटर को भी पेश किया जिसका नाम इस्तेमाल करके वोट हटाने के लिए आवेदन देने में किया था. वहीं जिन मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए थे वे भी मौजूद थे.
कई राज्यों में पाई गई अनियमितताएं
कांग्रेस नेता ने आगे आरोप लगाया कि राजस्थान, महाराष्ट्र और हरियाणा सहित कई अन्य राज्यों में भी इसी तरह की अनियमितताएं पाई गईं. गांधी ने कहा महाराष्ट्र के राजुरा में 6815 लक्षित मतदाताओं के नाम जोड़े गए.उन्होने कहा अलंद में हमने नाम हटाए गए वहीं राजुरा मेंनाम जोड़े गए लेकिन मूल विचार वही है. यही व्यवस्था ऐसा कर रही है. कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में भी यही हो रहा है और हमारे पास इसके सबूत हैं.
कांग्रेस मतदाताओं को बनाया गया निशाना
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस मतदाताओं को निशाना बनाकर वोट काटे गए और इस प्रक्रिया के लिए एक परिष्कृत केंद्रीकृत प्रणाली (sophisticated centralised system) का इस्तेमाल किया गया. गांधी ने दावा किया कि मतदाताओं के नाम हटाने के आवेदन “एक सॉफ्टवेयर का उपयोग करके स्वचालित रूप से” दाखिल किए गए.
उन्होंने कहा कर्नाटक के बाहर के कई राज्यों के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल अलंद में नंबरों को हटाने के लिए किया गया और यह कांग्रेस के मतदाताओं को टारगेट करके किया गया. विपक्षी नेता ने आवेदकों के सीरियल नंबरों में समानताओं की ओर इशारा किया और दावा किया कि आवेदन दाखिल करने के लिए एक केंद्रीकृत प्रणाली का इस्तेमाल किया गया था.
उन्होंने आरोप लगाया कि सीरियल नंबरों को देखिए एक सॉफ्टवेयर मतदान केंद्र में पहला नाम चुन रहा है और उसका इस्तेमाल वोट हटाने के लिए कर रहा है. किसी ने एक स्वचालित कार्यक्रम (automated program) चलाया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतदान केन्द्र पर पहला मतदाता आवेदक ही हो. उसी व्यक्ति ने राज्य के बाहर से मोबाइल फोन लिए, उनका इस्तेमाल आवेदन दाखिल करने के लिए किया, और हमें पूरा यकीन है कि यह एक केंद्रीकृत तरीके से और बड़े पैमाने पर किया गया था. यह किसी कार्यकर्ता के स्तर पर नहीं किया गया था. यह बड़े लेवल पर किया गया.
चुनाव आयुक्त पर लगाया बड़ा आरोप
चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए गांधी ने आरोप लगाया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार वोटों को हटाने में सीधे तौर पर शामिल थे क्योंकि उन्होंने कर्नाटक सीआईडी (Karnataka CID) की बार-बार अपील के बावजूद महत्वपूर्ण आंकड़े देने और कोई कार्रवाई करने से इनकार कर दिया.
गांधी ने कहा आइए जानते हैं कि मैं ज्ञानेश कुमार पर इतना सीधा आरोप क्यों लगा रहा हूं. कर्नाटक में इस मामले की जांच चल रही है. कर्नाटक सीआईडी ने 18 महीनों में चुनाव आयोग को 18 पत्र भेजे हैं और उन्होंने चुनाव आयोग से कुछ बहुत ही सरल तथ्य मांगे हैं. पहला हमें वह डेस्टिनेशन आईपी बताएं जहां से ये फ़ॉर्म भरे गए थे. दूसरा हमें वह डिवाइस डेस्टिनेशन पोर्ट बताएं जहां से ये आवेदन दाखिल किए गए थे. और तीसरा, सबसे महत्वपूर्ण, हमें ओटीपी ट्रेल्स बताएं क्योंकि जब आप आवेदन दाखिल करते हैं, तो आपको ओटीपी प्राप्त करना होता है.
उन्होंने कहा कर्नाटक की सीआईडी ने 18 महीनों में 18 बार चुनाव आयोग को इसके लिए पत्र लिखा है, और वे इसे नहीं दे रहे हैं. वे इसे क्यों नहीं दे रहे हैं? क्योंकि इससे हमें पता चल जाएगा कि ऑपरेशन कहां चल रहा है, और हमें पूरा यकीन है कि यह कहां जाएगा.
गांधी ने दावा किया कि 23 फ़रवरी को एफआईआर दर्ज की गई. कर्नाटक सीआईडी ने मार्च में लगभग तुरंत ही चुनाव आयोग को इन नंबरों और इन लेन-देन का पूरा डिटेल मांगते हुए पत्र लिखा. अगस्त में चुनाव आयोग ने जवाब दिया लेकिन किसी भी मांग को पूरा नहीं किया और हमें जानकारी नहीं दी. उसने कर्नाटक सीआईडी को वह जानकारी नहीं दी जो उन्हें उनके टारगेट तक पहुंचा सके. 24 जनवरी को कर्नाटक सीआईडी ने चुनाव आयोग को फिर से पत्र लिखा और कहा कि कृपया हमें पूरी जानकारी भेजें. कोई जवाब नहीं मिला. 25 सितंबर तक कर्नाटक सीआईडी ने 18 रिमाइंडर लेटरर लिखे.
उन्होंने आरोप लगाया कि जब यह सब चल रहा था कर्नाटक के मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिल्ली में चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा कि यह एक मामला है कृपया यह जानकारी प्रदान करें. कर्नाटक के मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव आयोग से कई बार अनुरोध किया. अब यह इस बात का ठोस सबूत है कि ज्ञानेश कुमार ऐसा करने वालों को बचा रहे हैं. यह इस बात का भी ठोस सबूत है कि यह केंद्रीकृत तरीके से किया जा रहा है, यह बड़े पैमाने पर किया जा रहा है और इसके लिए बड़े संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
CEC को सात दिनों का अल्टीमेटम
चुनाव आयोग से कथित वोट डिलीट से संबंधित आंकड़े उपलब्ध कराने का अपील करते हुए गांधी ने कहा कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को भारतीय लोकतंत्र को नष्ट करने वाले लोगों को बचाना बंद करना चाहिए. हमने आपको यहां 100% पुख्ता सबूत दे दिया है. चुनाव आयोग को एक हफ्ते के भीतर इन फ़ोनों, इन ओटीपी का डेटा जारी करना होगा.

