PM Kisan 21st Installment: कृषि क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों किसानों की निगाहें केंद्र सरकार पर टिकी हैं. वे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना की 21वीं किस्त मिलने का इंतजार कर रहे हैं. इस साल अब तक सरकार ने केवल दो किस्तें ही जारी की हैं – फरवरी और अगस्त 2025 में. किसानों को उम्मीद थी कि अगली किस्त त्योहारों से पहले या बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उनके खातों में आएगी, लेकिन दोनों मौके बीत चुके हैं और ₹2,000 की राशि अभी तक नहीं आई है.
पीएम-किसान योजना के तहत मदद
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत हर पात्र किसान परिवार को सालाना ₹6,000 की आर्थिक मदद मिलती है. ये राशि तीन बराबर किस्तों में दी जाती है, हर किस्त ₹2,000 की होती है. पैसे सीधे किसानों के बैंक खातों में DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए भेजे जाते हैं.
इस साल सरकार ने 19वीं किस्त फरवरी 2025 और 20वीं किस्त 2 अगस्त 2025 को जारी की थी. इसके आधार पर किसानों को उम्मीद थी कि 21वीं किस्त दिवाली (21 अक्टूबर) से पहले आएगी. लेकिन भुगतान न तो त्योहारों से पहले हुआ और न ही चुनाव से पहले. सरकारी सूत्रों के अनुसार, अब ये किस्त नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत तक जारी हो सकती है. किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे PM-KISAN पोर्टल (pmkisan.gov.in) पर जाकर अपना लाभार्थी स्टेटस और e-KYC अपडेट जरूर जांचें.
देरी के कारण
पिछले साल (2024) किस्तें समय पर जारी हुई थीं. 17वीं किस्त 18 जून 2024 और 18वीं किस्त 5 अक्टूबर 2024 को आई थी. 2025 में किस्तों के बीच अंतर काफी बढ़ गया है. फरवरी से अगस्त तक करीब पांच महीने का गैप रहा और अब तक 21वीं किस्त नहीं आई है.
सरकारी सूत्रों के अनुसार देरी के मेन कारण हैं:
1. लाभार्थियों का सत्यापन: फर्जी और अपात्र लाभार्थियों को हटाने के लिए जांच जारी है.
2. e-KYC और भूमि अभिलेख अपडेट: कई राज्यों में किसानों की e-KYC और जमीन रिकॉर्ड अपडेट का काम चल रहा है.
जैसे ही ये प्रक्रिया पूरी होगी, 21वीं किस्त जारी की जा सकती है.
योजना और पात्रता
पीएम-किसान योजना 2019 में शुरू हुई थी. इसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक मदद देना है ताकि वे बीज, खाद और अन्य कृषि जरूरतें पूरी कर सकें. अब तक देशभर में 11 करोड़ से ज्यादा किसान योजना से जुड़े हैं.
योजना का लाभ पाने के लिए किसान को ये शर्तें पूरी करनी होती हैं:
भारत का नागरिक होना और नाम पर कृषि योग्य भूमि होना.
e-KYC पूरी हो और आधार कार्ड बैंक खाते से लिंक हो.
भूमि अभिलेख राज्य सरकार द्वारा सत्यापित हों.
सरकारी कर्मचारी, आयकरदाता और संस्थागत भूमि धारक पात्र नहीं.

