NCRB suicide data: भारत का सबसे एजुकेटेड राज्य केरल सबसे ज़्यादा सुसाइड रेट वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की राष्ट्रीय सूची में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Record Bureau) ((NCRB) के 2023 के वार्षिक आंकड़ों के अनुसार केरल में आत्महत्या दर 30.6 प्रतिशत थी जबकि नेशनल एवरेज मात्र 12.3 प्रतिशत था.
टॉप पर है ये राज्य
सुसाइड रेट की गणना राज्य की प्रत्येक एक लाख की आबादी पर आत्महत्या करने वाले लोगों की संख्या के आधार पर की जाती है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह 49.6 % सुसाइड रेट के साथ लिस्ट में टॉप पर है उसके बाद सिक्किम 40.2 % सुसाइड रेट के साथ दूसरे स्थान पर है. तीसरे स्थान पर रहे केरल के बाद 28% सुसाइड रेट के साथ पांडिचेरी और 27.7% आत्महत्या दर के साथ तेलंगाना लिस्ट में पांचवे स्थान पर हैं.
लगातार बढ़ रही है केरल की सुसाइड दर
पिछले कुछ सालों में केरल में सुसाइड दर लगातार नेशनल एवरेज से ज़्यादा रही है. 2021 में 26.9% की दर के साथ केरल इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर था. वहीं तब नेशनल एवरेज 12% था. 2022 में केरल इस लिस्ट में 28.5% के साथ चौथे स्थान पर रहा था जबकि नेशनल एवरेज 12.4 था. 2023 में केरल 30.6 की दर के साथ तीसरे स्थान पर रहा जबकि देशव्यापी आंकड़ा गिरकर 12.3 हो गया.
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार 2023 में देश भर में कुल 1,71,418 लोगों ने आत्महत्या की. वास्तविक आंकड़ों के अनुसार केरल 10,972 आत्महत्याओं (6.4%) के साथ छठे स्थान पर था. इस सूची में टॉप 5 राज्य महाराष्ट्र (13.2 प्रतिशत), तमिलनाडु (11.4 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (9.1 प्रतिशत), कर्नाटक (7.8 प्रतिशत) और बंगाल (7.5 प्रतिशत) थे.
केरल में लोग क्यों कर रहे हैं सुसाइड
केरल में स्वास्थ्य समस्याओं के कारण आत्महत्या करने वालों का अनुपात (21.9 प्रतिशत) राष्ट्रीय औसत (19 प्रतिशत) से भी अधिक था. 2023 में राज्य में स्वास्थ्य समस्याओं के कारण 2,405 लोगों ने आत्महत्या की. केरल में 4,724 आत्महत्याओं का कारण पारिवारिक समस्याएं बताई गईं जो राज्य में हुई कुल आत्महत्याओं का 43.1 प्रतिशत था. यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत 31.9 प्रतिशत से भी अधिक था.
बेरोजगार युवाओं द्वारा सुसाइड के मामले में राज्य टॉप पर
NCRB के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि आत्महत्या करने वाले बेरोजगार युवाओं की संख्या के मामले में केरल 2191 लोगों के साथ शीर्ष पर रहा. महाराष्ट्र 2070 लोगों के साथ इस सूची में दूसरे स्थान पर रहा. इसी प्रकार सामूहिक आत्महत्या से संबंधित मामलों की संख्या में भी केरल दूसरे स्थान पर रहा. केरल में ऐसे 17 मामले दर्ज किए गए, जबकि तमिलनाडु 58 मामलों के साथ शीर्ष पर रहा, जबकि राजस्थान 12 घटनाओं के साथ दूसरे स्थान पर रहा.

