Manipur Latest News : पिछले कुछ समय से हिंसा से जूझ रहा मणिपुर फिलहाल शांत है। सुरक्षा बलों ने स्थिति पर काफी हद तक काबू पा लिया है। इसी को देखते हुए, मेइती और कुकी समुदायों के जातीय उग्रवादी समूह अपनी मारक क्षमता बढ़ाने के लिए अपने हथियारों को अस्थायी स्नाइपर राइफलों में बदल रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, इनमें से कई हथियार 2023 में पुलिस शस्त्रागारों से लूटे गए थे।
रिपोर्टों के अनुसार, इन हथियारों को प्रतिद्वंद्वी समुदायों को निशाना बनाने के लिए स्नाइपर राइफलों में बदला गया था। पुलिस शस्त्रागारों से लूटे गए 6,000 से ज़्यादा हथियारों में .303 राइफलें, एके असॉल्ट राइफलें और इंसास राइफलें और कार्बाइन शामिल हैं।
राइफलों की मारक क्षमता बढ़ा रहे उग्रवादी
सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, .303 राइफल की मारक क्षमता लगभग 500 मीटर है। उन्होंने बताया कि बंदूक के बट में बदलाव और विशेष दूरबीनों व अन्य विशेषताओं के साथ, उसी राइफल से दागी गई गोली ज़्यादा सटीकता और मारक क्षमता के साथ लंबी दूरी तक जा सकती है। AK-47 300-400 मीटर की मारक क्षमता के भीतर ही सबसे ज़्यादा प्रभावी है।
बिजली के खंभों से बना रहे हैं विदेशी तोप
समुदाय पारंपरिक रूप से तलवार, भाले, धनुष-बाण का इस्तेमाल करता था। बाद में, उन्होंने थूथन वाली बंदूकें और गोलियां, जिन्हें थिहनांग भी कहा जाता था, इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। उखाड़े गए बिजली के खंभों से देशी तोपें बनाई जाती थीं, जिन्हें पम्पी या बम्पी भी कहा जाता था, जिनमें लोहे के टुकड़े और अन्य धातु के टुकड़े भरे जाते थे। इनका इस्तेमाल गोलियों या छर्रों के रूप में किया जाता था।
अब तक 328 हथियार बरामद
इससे पहले कि उग्रवादी इन हथियारों के साथ कुछ कर पाते, पुलिस ने असम राइफल्स और अन्य अर्धसैनिक बलों के साथ मिलकर इंफाल घाटी और पहाड़ी इलाकों के विभिन्न जिलों से इन हथियारों को जब्त कर लिया।
मणिपुर पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों ने 13 और 14 जून की रात को इंफाल घाटी के पाँच जिलों में एक साथ चलाए गए अभियान के दौरान मैतेई बहुल उग्रवादी समूहों से 328 हथियार बरामद किए थे, और जुलाई के पहले सप्ताह में पहाड़ी इलाकों के चार जिलों से 203 हथियार बरामद किए गए थे, जहाँ कुकी उग्रवादी समूहों का दबदबा है।
इन दोनों छापों से बरामद हथियारों में इंसास राइफलें, एके सीरीज़ की राइफलें, सेल्फ-लोडिंग राइफलें, परिवर्तित स्नाइपर राइफलें, ग्रेनेड लॉन्चर, पिस्तौल और स्वदेशी 0.22 राइफलें शामिल हैं। आपको बता दें कि हिंसा में अब तक 260 लोग मारे जा चुके हैं।

