Maharashtra Politics: सोमवार (1 जुलाई, 2025) को महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर ऐसा बयान दिया कि सदन में सियासी तूफान खड़ा हो गया। उनके आपत्तिजनक बयान के कारण सदन में हंगामा बढ़ता देख स्पीकर राहुल नार्वेकर ने उन्हें पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, नाना पटोले खुद विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। वे किसानों का अपमान करने के लिए भाजपा विधायक बबनराव लोनीकर और कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने विवादित बयान दिया।
स्पीकर की कुर्सी पर पहुंच गए नाना पटोले
प्रश्नकाल समाप्त होते ही नाना पटोले स्पीकर की कुर्सी पर पहुंच गए और मंच पर चढ़कर जोरदार विरोध जताया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता किसानों का अपमान कर रहे हैं और सरकार इस पर चुप है। स्पीकर से तीखी बहस के बाद सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पटोले के व्यवहार को ‘अस्वीकार्य’ करार देते हुए कहा, ‘पूर्व स्पीकर से इस तरह के आक्रामक रवैये की उम्मीद नहीं की जाती। उन्हें माफी मांगनी चाहिए।’ लेकिन नाना पटोले फिर मंच पर चढ़े और साफ कर दिया कि वे माफी नहीं मांगेंगे और किसानों के अपमान के खिलाफ आवाज उठाना उनका अधिकार है। इसके बाद स्पीकर ने उन्हें पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया।
किस बयान पर मचा बवाल?
दरअसल, हाल ही में भाजपा विधायक बबनराव लोनीकर ने जालना के परतुर में एक सभा में कहा था कि ‘हमारी सरकार की आलोचना करने वालों को याद रखना चाहिए कि उन्हें कपड़े, जूते, मोबाइल और फसल बोने के लिए हमसे पैसे मिल रहे हैं।’ वहीं, कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने किसानों को लेकर बयान दिया था कि ‘किसान कर्जमाफी का पैसा शादियों पर खर्च कर रहे हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘भिखारी भी एक रुपया नहीं लेता, लेकिन हम एक रुपये में फसल बीमा दे रहे हैं।’ इन बयानों पर पटोले भड़क गए और कहा कि अगर ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वे सदन में चुप नहीं बैठेंगे। पटोले के निलंबन के खिलाफ कांग्रेस, उद्धव ठाकरे गुट और शरद पवार गुट के सभी विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

