Maharashtra News: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे से बुधवार को दादर इलाके में राज ठाकरे के आवास ‘शिवतीर्थ’ पर मिले. अब यह देखना रोचक है कि दो भाई फिर से मिल गए हैं या यह बस कोई सियासी मजबूरी है? दोनों दलों में गठबंधन की चर्चाएं तेज हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए यह अहम् बैठक हुई है. बीते 14 दिनों में दोनों भाईओं की या ऐसे कहा जाए की दोनों नेताओं की या दूसरी सार्वजानिक भेंट है, उद्धव ठाकरे इससे पहले भी गणेश उत्सव पर राज ठाकरे से मिलने ‘शिवतीर्थ’ गए थे.
त्रिभाषा नीति के खिलाफ दो भाइयों की जीत
आपको बता दें कि त्रिभाषा नीति के विरोध में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने अपनी जीत का जश्न मानाने के लिए 5 जुलाई को एक मंच भी साझा किया था. महाराष्ट्र एक मराठी भाषी बहुल राज्य है और हाल ही में महाराष्ट्र की सरकार ने त्रिभाषा नीति के अंतर्गत पहली कक्षा से 5वीं कक्षा तक के लिए एक विवादस्पद आदेश दिया था. बाद में जब मामला गरमाया और मराठी भाषियों पर हिंदी थोपने का आरोप सरकार पर लगने लगा तब जाकर महाराष्ट्र सरकार ने यह आपत्तिजनक आदेश वापस ले लिया था.
घटनाक्रमों से पूर्व भूमिका
यह घटनाक्रम तभी लिखा जा चूका था जब त्रिभाषा नीति के खिलाफ बड़ी जीत और जश्न के बाद दोनों भाई का मिलान लोगों को नज़र आने लगा था. आपको बता दें की जुलाई के अंत में राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे को उनके जन्मदिवस पर शुभकामनाएं और बधाई देने के लिए ‘उद्धव’ के बांद्रा स्थित निवास ‘मातोश्री’ गए थे.
2005 में हुए थे अलग, क्या अब होने
सर्वविदित है कि राज ठाकरे 2005 में अविभाजित शिवसेना छोड़ कर चले गए थे. उन्होंने इसके लिए उद्धव ठाकरे को जिम्मेदार भी ठहराया था. साल 2024 में दोनों पार्टियों को मिली जबरदस्त हार ने दोनों नेताओं को अपने रिश्ते सुधरने पर मजबूर कर दिया. दोनों ही पार्टियों ने बृहन्मुंबई नगर निगम के चुनाव के साथ-साथ आगामी महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनावों के लिए गठबंधन करने का इशारा भी जनता को दे दिया है. हालांकि दोनों पार्टियों या नेताओं ने अभीतक कोई औपचारिक गठबंधन की सूचना सार्वजानिक रूप से नहीं दी है.
आगे क्या होने वाला है?
अगर शिवसेना (UBT) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का यह गठबंधन हो जाता है तो ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है की यह भाजपा के प्रमुख प्रतिद्वंदी के रूप में उभरेंगे और यह गठबंधन भी रिश्तों की तरह मजबूत होगा.

