kal ka Mausam 29 November: चक्रवात सेन्यार को लेकर ताज़ा और महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) सहित कई मौसम एजेंसियों ने चेतावनी जारी की है कि यह तूफान मलक्का जलडमरूमध्य और उससे सटे पूर्वोत्तर इंडोनेशिया के ऊपर तेजी से आगे बढ़ रहा है.
कई हिस्सों में अलर्ट जारी
बुधवार सुबह यह इंडोनेशिया की तटरेखा पार कर चुका है, जिसके बाद दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के कई हिस्सों में अलर्ट जारी किया गया है. इसके तेज़ी से विकसित होने की वजह से समुद्री और तटीय इलाकों में खलबली मची हुई है.
जहाजों व नौकाओं को दी गई ये सलाह
IMD के अनुसार, चक्रवात सेन्यार के केंद्र में 70–80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज़ हवाएँ चल रही हैं, और इसके जमीन से टकराने के समय यह रफ्तार बढ़कर 90 किमी प्रति घंटे तक पहुँच सकती है. इस कारण समुद्र में ऊँची लहरें उठ रही हैं और जहाजों व नौकाओं को गहरे समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है. तटीय क्षेत्रों में प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है.
चक्रवात सेन्यार की वर्तमान स्थिति भी काफी महत्वपूर्ण है.
- यह इंडोनेशिया के कुटा मकमुर से करीब 80 किमी पूर्व में स्थित है.
- मलेशिया के जॉर्ज टाउन से लगभग 280 किमी पश्चिम की दिशा में है.
- निकोबार द्वीप समूह के नानकॉरी से लगभग 580 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है.
- वहीं कार निकोबार से 730 किमी दक्षिण-पूर्व में इस चक्रवात का प्रभाव देखा जा रहा है.
क्या भारत पर पड़ेगा कोई असर?
इस स्थिति से स्पष्ट है कि चक्रवात उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र तथा अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के आसपास के समुद्री हिस्सों की ओर बढ़ रहा है. हालांकि इस बात का फिलहाल कोई संकेत नहीं है कि यह सीधे भारत के मुख्य तटीय राज्यों की ओर मुड़ेगा, लेकिन इसके बाहरी प्रभाव के कारण कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है.
इन राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने राजस्थान समेत 6 राज्यों में भारी बारिश, तेज़ हवाओं और गरज-चमक के साथ मूसलाधार बारिश की चेतावनी जारी की है. इन क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों तक मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. जिन राज्यों पर इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ेगा, उनमें—
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
- तमिलनाडु
- पुडुचेरी
- केरल
- तटीय कर्नाटक
- और कुछ उत्तरी राज्यों के हिस्से शामिल हैं.
इन इलाकों में समुद्री हवाएँ तेज़ होने और बारिश बढ़ने की संभावना है. साथ ही कुछ क्षेत्रों में जलभराव, पेड़ों के गिरने और सफर में बाधा जैसे जोखिम भी बढ़ सकते हैं.
सरकार और स्थानीय प्रशासन को हाई- अलर्ट पर रखा गया है. मछुआरों को समुद्र में न जाने और तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है. मौसम विभाग लगातार चक्रवात की स्थिति मॉनिटर कर रहा है और अगले 24–48 घंटे इसके लिए बेहद अहम बताए जा रहे हैं.
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