बहराइच से संजय मिश्रा की रिपोर्ट
Indo-Nepal Border: सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 59वीं बटालियन ने नेपाल सीमा पर भव्य राष्ट्रीय सलामी समारोह का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत परंपरागत तरीके से ध्वजारोहण के साथ हुई, जिसमें पूरे सम्मान और अनुशासन के साथ राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई। इसके बाद सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक का संदेश वाचन किया गया, जिसमें बल के इतिहास, उपलब्धियों और देश की सीमाओं की सुरक्षा में जवानों की भूमिका पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर बल के कई कर्मियों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं और उल्लेखनीय योगदान के लिए पदकों से सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह के दौरान जवानों के चेहरे पर गर्व और देशभक्ति का भाव साफ झलक रही थी।
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सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम
कार्यक्रम में ‘संदीक्षा परिवार’ की महिलाओं और बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं। देशभक्ति गीत, नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियों ने उपस्थित सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दर्शकों ने बार-बार तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह बढ़ाया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समारोह को भावनाओं और देशप्रेम से सराबोर कर दिया।
कार्यक्रम का विशेष आकर्षण
विशेष आकर्षण का केंद्र रहा इकाई परिसर का सजावट। पूरे कैंपस को तिरंगे के तीन रंगों—केसरिया, सफेद और हरे—की थीम पर सजाया गया था। झंडियों, फूलों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजा परिसर दूर से ही देशभक्ति का संदेश दे रहा था। समारोह की सफलता में इकाई के कमांडेंट श्री कैलाश चंद रमोला का कुशल नेतृत्व और सटीक मार्गदर्शन निर्णायक साबित हुआ। उनके नेतृत्व में उप-कमांडेंट श्री अभिनव कश्यप, श्री अमित कुमार, श्री ओम प्रकाश, सहायक कमांडेंट (संचार) श्री आनन्द मजूमदार, अधीनस्थ अधिकारी, संदीक्षा परिवार की सदस्याएं, बच्चे और बड़ी संख्या में जवानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
राष्ट्रीय सलामी समारोह केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि देश के प्रति समर्पण, गर्व और एकता का जीवंत प्रतीक बनकर सामने आया। इसमें न केवल एसएसबी के जवानों, बल्कि स्थानीय समुदाय ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे यह आयोजन सीमा क्षेत्र में सामुदायिक जुड़ाव का एक सुंदर उदाहरण बन गया।
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SSB सीमाओं के साथ संस्कृति की भी रक्षक
एसएसबी 59वीं बटालियन के इस आयोजन ने साबित कर दिया कि सीमाओं की सुरक्षा करने वाले जवान न केवल राष्ट्र की रक्षा में अग्रणी हैं, बल्कि देश की संस्कृति, एकता और सम्मान को भी आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह समारोह आने वाले वर्षों में भी प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

